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सुपर कंप्यूटर क्या है(What is Super Computer)?
सुपर कंप्यूटर को तकनीक की उच्चतम क्षमता के साथ बनाया जाता है। सामान्यतः इन्हे किसी विशेष कार्य को करने के लिए डिज़ाइन किया जाता है। सुपर कंप्यूटर की क्षमता किसी भी सामान्य कंप्यूटर से हजारों से लाखों गुना अधिक हो सकती है।
सुपर कंप्यूटर की क्षमता को फ्लॉप्स(Floating Point Operation Per Second) में मापा जाता है। यह समानांतर परिपथ के सिद्धांत पर कार्य करता है। किसी भी सुपर कंप्यूटर में हजारों माइक्रो प्रोसेसरों को समानांतर क्रम में लगाया जाता है।
इन कम्प्यूटरों के द्वारा जटिल आंकड़ों को छोटे छोटे टुकड़ों में तोड़कर, विभिन्न प्रोसेसरों के द्वारा सुलझाया जाता है। जिस कारण यह कम समय में आंकड़ों का परिणाम दे देते हैं।
सुपर कंप्यूटर के अनुप्रयोग(Application of Super Computer)
- अंतरिक्ष यानों, विमानों के डिज़ाइन तैयार करने में
- चिकित्सा क्षेत्र में नई दवाईयों के निर्माण एवं रासायनिक पदार्थों के डिज़ाइन तैयार करने में सुपर कंप्यूटर का उपयोग होता है।
- क्वांटम भौतिकी और नैनों तकनीक सम्बन्धी अध्ययन में
- Computer Atmospheric Science: मौसम विज्ञान संबंधी आंकड़ों के आधार पर मॉडलों का विकास करना। जलवायु सम्बन्धी आंकड़ों के अध्ययन भविष्य की संभावनाओं का अनुमान करना।
- Seismic Data Processing: भू तरंगो से प्राप्त अध्ययन, भूकंप संबंधी आंकड़ों के अध्ययन में तथा ऐसे आंकड़ों का विश्लेषण करने में, जिनके माध्यम से तेल और गैस भंडारों की खोज की जा सके।
- Bioinformatics: जीनोम अध्ययन, जैव सूचना विज्ञान के अध्ययन में, प्रोटीन आदि के विश्लेषण एवं उनके कार्यों की पहचान आदि में
- नाभिकीय परीक्षण का सुपर कंप्यूटर के माध्यम से simulation करना।
- कृत्रिम बुद्दिमत्ता के क्षेत्र में, जिसका उद्देश्य ऐसी मशीन प्रणाली का विकास करना है। जो मनुष्य के समान बुद्धिमत्ता पूर्ण व्यवहार कर सके।
सुपर कंप्यूटर का विकास(Development of Super Computer)
सुपर कंप्यूटर का विकास 1960 के दशक से माना जाता है। एवं अमेरिकी वैज्ञानिक Seymour Cray को सुपर कंप्यूटर का जनक कहा जाता है।
भारत में सुपर कंप्यूटर का विकास
भारत में 1980 के दशक से सुपर कंप्यूटर का विकास कार्य आरम्भ हुआ। जिसमें कई संस्थाओं की भूमिका महत्वपूर्ण रही। जिनमें NAL(National Aeronautic Laboratories), C-DAC(Center for Development of Advanced Computing Pune), BARC , IIT मुंबई , आदि।
भारत में सुपर कंप्यूटर का विकास 1980 के दशक में NAL द्वारा निर्मित ‘फ्लोसोल्वर कंप्यूटर’ के माध्यम से हुई। इसके बाद C-DAC के द्वारा परम श्रेणी के सुपर कंप्यूटर पर कार्य आरम्भ किया गया। परम श्रेणी में परम-8000 श्रेणी से शुरुआत कर, परम-8600, परम-9000 से होते हुए परम-10000 तक पहुंच गयी। परम-10000 भारत के महत्वपूर्ण सुपर कंप्यूटर में से एक है।
परम सुपर कंप्यूटर के साथ ही C-DAC ने पारस व परुल नाम से दो सॉफ्टवेयर बनाये। जो सुपर कंप्यूटर से सम्बंधित थे।
सुपर कंप्यूटर के विकास में DRDO की भी अहम् भूमिका रही। DRDO के विशेष विभाग अनुराग ने PACE(Processor for Aerodynamic Computation and Evaluation) नाम से सुपर कंप्यूटर की श्रृंखला का विकास किया है। 1996 में इसी का विकसित रूप PACE+ जारी किया गया जिसकी क्षमता 1 गीगा फ्लॉप से अधिक थी। अंतराष्ट्रीय बाजार में इसे पेस स्पार्क के नाम से जारी किया गया। पेस श्रृंखला के सुपर कम्यूटर लड़ाकू विमानों के निर्माण, नाभिकीय रिएक्टर के डिज़ाइन, प्रक्षेपात्र निर्माण आदि में विशेष रूप से काम में आते हैं।
सुपर कंप्यूटर के निर्माण में BARK के द्वारा ‘अनुपम’ नाम से सुपर कंप्यूटर का निर्माण किया गया। जिसकी मुख्य विशेषता यह थी कि वह CISC(Complex Instruction Set Computer) प्रणाली के स्थान पर RISC(Reduced Instruction Set Computer) की प्रणाली पर कार्य करता है। इसका विशेष उपयोग नाभिकीय विज्ञान में होता है।
जून 2015 में भौतिकी अनुसंधान प्रयोगशाला अहमदाबाद ने भारत के 13 वें सर्वाधिक सर्वाधिक तेज़ सुपर कंप्यूटर की शुरुआत की। इसका नाम इसरो के जनक के नाम पर विक्रम-100 दिया गया।
भारत में सुपर कंप्यूटर के क्षेत्र में C-DAC के द्वारा कार्य किया जा रहा है। NOV 2020 में जापान के FUGAKU सुपर कंप्यूटर को विश्व में सबसे तेज़ सुपर कम्प्यूटर घोषित किया गया है। भारत में नेशनल सुपर कंप्यूटर मिशन को चलाया जा रहा है। इस मिशन की जिम्मेदारी सुपर कंप्यूटर के विकास को तेज़ी देने के लिए C-DAC और IICS बंगलुरु को सौंपी गयी है। इस मिशन के तहह देश में सुपर कंप्यूटर ग्रिड को Knowledge Network से जोड़ा जायेगा। नए अधिक क्षमता के सुपर कंप्यूटर का निर्माण किया जायेगा। अभी भारत का सबसे तेज़ सुपर कंप्यूटर PARAM-Siddhi AI है जिसे NOV 2020 में टॉप 500 सुपर कंप्यूटर की सूची में 63 स्थान प्राप्त हुआ।
सुपर कंप्यूटर क्षमता मापने की इकाई
गीगा फ्लॉप्स = 10 power 9 फ्लॉप्स = 1 000 000 000
टेरा फ्लॉप्स = 10 power 12 फ्लॉप्स = 1 000 000 000 000
पेटा फ्लॉप्स = 10 power 15 फ्लॉप्स = 1 000 000 000 000 000
एक्सा फ्लॉप्स = 10 power 18 फ्लॉप्स = 1 000 000 000 000 000 000
टेस्ला: विश्व का प्रथम व्यक्तिगत (personal) सुपर कंप्यूटर
वैज्ञानिकों के द्वारा व्यक्तिगत सुपर कंप्यूटर का विकास किया गया है। यह कंप्यूटर किसी भी सामान्य कंप्यूटर से 250 गुना अधिक तेज़ी से काम कर सकता है।
भविष्य में इस टेक्नोलॉजी की सहायता से सामान्य कम्प्यूटरों की रफ़्तार को बढ़ाया जा सकेगा। पर्सनल सुपर कंप्यूटर चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े व्यावसायिक तथा अनुसंधान कार्यों को मजबूत करेंगे।
इस आर्टिकल के माध्यम से सुपर कंप्यूटर क्या है(What is Super Computer)?, इससे जुड़े कई विषयों को जानने का प्रयास किया है। अगर आपका कोई सुझाव या सवाल है तो कमेंट में आप पूछ सकते हैं।