रोबोट क्या है(what is robot in hindi) इसकी कोई सर्व स्वीकृत खास परिभाषा नहीं है साधारण भाषा में कहें तो यह एक स्वचालित, स्वनियंत्रित, बहुउद्देशीय, मशीन है जिसमें कुछ हद तक कृत्रिम बुद्धिमत्ता(artificial intelligence) का भी प्रयोग भी किया जा सकता है। रोबोट से संबंधित अध्ययन रोबोटिक्स(robotics) के अंतर्गत किये जाते है इसमें रोबोट के डिज़ाइन, निर्माण एवं उसके अनुप्रयोगों पर अध्ययन किया जाता है।
जोसफ इन्जेलबर्गर(joseph engelberger) को रोबोटिक्स का जनक माना जाता है। इन्होने यूनीमेंट्स नाम के पहले रोबोट का निर्माण किया।
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रोबोट की संरचना (Construction of Robot in hindi)
रोबोट के निर्माण के लिए मेकैनिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कंप्यूटर प्रोग्राम इंजीनियर की आवश्यकता होती है। भौतिकी के नियमों के आधार पर उसके हिस्सों की गति को नियंत्रित किया जाता है। रोबोट की तैयारी से लेकर उसकी एप्लीकेशन तक सभी विभागों का अपना-अपना कार्य होता है। किसी एक व्यक्ति को सभी का पूर्ण ज्ञान होना असंभव है। इसी लिए विभिन्न चरणों में कार्य को किया जाता है।
रोबोट में ऊर्जा(power) का मुख्य स्रोत सामान्यतः बैटरी होती है इसके द्वारा ही मोटर को ऊर्जा दी जाती है। किसी भी रोबोट में sensor और camera का सबसे महत्वपूर्ण रोल होता है इनके ही द्वारा जानकारी को इकट्ठा किया जाता है, फिर इस जानकारी को माइक्रोप्रोसेसर या कंप्यूटर की सहायता से अलग किया जाता है।
किसी भी रोबोट का निर्माण जरुरत के हिसाब से किया जाता है इन्ही जरूरतों के आधार पर पदार्थ एवं स्रोतों का चयन किया जाता है जैसे- मानव से मिलते जुलते रोबोट्स में त्वचा के लिए सिलिकॉन का प्रयोग किया जाता है। स्थिर रोबोट्स के लिए पावर सप्लाई का।
रोबोटिक्स के नियम(Lows of robotics)
रोबोटिक्स के प्रारंभिक नियम आइजैक असीमो के द्वारा दिए गए।
- रोबोट किसी भी परिस्थिति में इंसान को नुकसान नहीं पहुँचायेगा और न ही नुकसान का कारण बनेगा।
- रोबोट मानव के द्वारा दिए गए आदेश का पालन करेगा अगर यह आदेश पहले नियम की अवहेलना नहीं करते हो।
- रोबोट अपने अस्तित्व को बनाये रखने का प्रयास करेगा जब तक यह पहले और दूसरे नियम को भंग नहीं करते हो
बाद में इसमें एक और नियम जोड़ा गया जिसे शून्य नियम(zero low) कहते हैं इसके अनुसार किसी भी परिस्थिति में रोबोट मानवता को नुकसान नहीं पहुँचायेगा।
रोबोट के प्रकार( Types of Robot)
कार्य करने की उपयोगिता के आधार पर रोबोट को कई श्रेणियों में बांटा गया है।
औद्योगिक रोबोट(Industrial Robot)
इस प्रकार के रोबोट्स का उपयोग इंडस्ट्रीज में किया जाता है जैसे सामान उठाने के लिए, कार इंडस्ट्रीज में रंगाई के लिए, वेल्डिंग के लिए आदि। इसके अलावा कई औद्योगिक स्थानों पर आटोमेटिक प्रोग्रामेबल वाहनों के रूप में किया जाता है।
चिकित्सा में रोबोट(Robot in Madical)
आज के समय में विभिन्न प्रकार की जटिल मेडिकल सर्जरी में रोबोट का उपयोग किया जाता है। मेडिकल में रोबोट्स के इस्तेमाल से डॉक्टर्स के लिए अपने मरीज का इलाज करना आसान हुआ है बल्कि सफलता दर में भी वृद्धि हुई है।
स्पेस कार्यों में रोबोट (Space Robot)
स्पेस के कार्यों में रोबोट का उपयोग आवश्यक रूप से किया जाता है राकेट, मसीनों, भारी उपकरणों को उठाने के लिए रोबोट्स उपयोग में लाये जाते हैं इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए भी रोबोट्स उपयोग किये गए।
मानव रोबोट(Human Robot)
यह ऐसा रोबोट होता हैं जिसकी शारीरिक बनावट मानव शरीर के समान होती है। इनके सिर, हाथ, पैर होते हैं। किसी भी ह्यूमन रोबोट के अपने फायदे हो सकते है। जैसे बहुत से रोबोट्स का प्रयोग होटल, रेस्टोरेंट में होता है। 2016 में sophia नाम की ह्यूमन रोबोट को बनाया गया है जो बेहद असाधारण है यह इंसानो की तरह बात कर सकती है, इसके चेहरे को इंसानो की तरह ही बनाया गया है।
नैनो रोबोट्स(Nano Robot)
नैनो टेक्नोलॉजी की सहायता से नैनो मीटर के पैमाने पर इन रोबोट्स को बनाया जाता है। इन्हे नैनो वॉट्स के नाम से जाना जाता है। अभी इसमें शोधकार्य जारी है।
सैन्य रोबोट(Defence Robot)
सेना के लिए रोबोट का उपयोग बहुत तेज़ी से हुआ है इसमें खोजी रोबोट, बम निरोधक रोबोट, ड्रोन आदि को शामिल किया गया है। डिफेन्स संस्थाए सेनाओं को आधुनिक बनाने के लिए, युद्ध जैसी स्थिति के लिए रोबोट के कार्यान्वयन पर जोर दे रही हैं।
इन प्रकारों के अलावा भी रोबोटिक्स की नयी शाखाओं का विकास हो रहा है जैसे-
सॉफ्ट रोबोटिक्स(Soft Robotics)
इसमें मुलायम, लचीले एवं आकर परिवर्तित करने वाले रोबोट का निर्माण किया जाता है इसके निर्माण के लिए विशिष्ट बहुलकों का प्रयोग होता है जिन्हे गति प्रदान करने के लिए multi material fluidic actuators का प्रयोग किया जाता है। हॉवर्ड विश्वविद्यालय के द्वारा प्रारंभिक स्तर पर कई सॉफ्ट रोबोट बनाये गए हैं
स्वार्म रोबोटिक्स(Swarm Robotics)
इसके अंतर्गत ऐसे रोबोट का निर्माण किया जाता है जो कई इकाइयों में बटे रहते है और स्वतंत्र रूप से किसी उद्देश्य के लिए मिलकर एक साथ कार्य करते हैं ऐसी रोबोटिक इकाइयाँ एक दूसरे से सूचनातंत्र के द्वारा जुड़ी रहती हैं। हॉवर्ड विश्वविद्यालय के द्वारा 2014 में 1024 इकाइयों वाले swarn robotics का प्रदर्शन किया गया।
रोबोट के अनुप्रयोग(Application of Robot)
रोबोट का सबसे बड़ा फायदा इंसान के लिए यह है कि यह थकता नहीं, बिना किसी रूकावट के सहजता से काम करता रहता है और इसके काम करने की सटीकता इंसान से कहीं अधिक है एवं ये इंसान की तरह कभी विरोधाभासी नहीं हो सकते। ये हमेसा तय की गयी प्रोग्रामिंग के हिसाब से काम करते रहते हैं।
ऐसा अनुमान है कि अमेरिका और जापान जैसे देशो में व्यावसायिक कार्यों को करने के लिए 35% प्रतिवर्ष के हिसाब से रोबोट को औद्योगिक क्षेत्रों में बढ़ाया जा रहा है। ऐसा करने के कई कारण है।
- इंडस्ट्रीज में काम करने वाले लोगो को छुट्टी, बीमारी भत्ता, चिकित्सा, अनुदान आदि व्यय वहन करने पड़ते हैं रोबोट्स के इस्तेमाल से औसत व्यय में कमी आएगी। जिससे उत्पादन लागत भी कम होगी।
- रोबोट आदमी की तुलना में बेहतर तरीके से काम करते हैं, काम की सटीकता और तेज़ी उत्पादन को बढ़ाने में मदत करेगी।
- मानक के स्टार पर गुणवत्ता को बरक़रार रखने में भी यह मनुष्य से बेहतर है।
- रोबोट के द्वारा ऐसी जगह भी काम लिया जा सकता है जहाँ इंसानी जान को खतरा हो जैसे- मैनहोल की सफाई करने में, हानिकारक कैमिकल में काम करने में, खदानों में काम करने में आदि।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में रोबोट का प्रयोग
रोबोटिक्स प्रोस्थेटिक्स(Robotic Prosthetics)
रोबोटिक प्रणाली का प्रयोग करके कटे हुए हाथ या पैर के स्थान पर किया जाता है जो प्राकृतिक अंगों के सामान कार्य करते हैं यह पूर्ण स्वचालित अंग होते हैं जो मस्तिष्क से प्राप्त तंत्रिका संकेतो को कार्य में बदल देते हैं।
रोबोटिक ओर्थोटिक्स(Robotic Orthotics)
इस रोबोटिक प्रणाली का प्रयोग लकवा ग्रस्त अंगों को बल देने के लिए किया जाता है इसे प्रभावित अंग पर लगाया जाता है।
रोबोटिक सर्जरी (Robotic Surgery)
रोबोटिक सर्जरी का प्रयोग मुख्य रूप से मस्तिष्क के ऑपरेशन में किया जाता है इससे आसपास के अंगों को नुकसान कम होता है रक्त स्राव कम होता है, और समय कम लगता है।
रोबोटिक नर्स (Robotic Nurse)
इसका प्रयोग मरीजों की देखभाल और स्वस्थ्य सम्बन्धी आंकड़े लेने में किया जाता है जैसे- FLO(स्थिर रोबो नर्स), Helpmate(व्हील रोबो नर्स)
माइक्रो रोबोटिक (Micro Robotic)
माइक्रो रोबोट अत्यंत छोटे होते है इन्हे पाचन तंत्र में प्रवेश कराया जा सकता है जहाँ ये स्वचालित तरीके से कार्य करते हुए अल्सर की बीमारी का इलाज करने में सहायता कर सकते है।
आपदा प्रबंधन में रोबोट का प्रयोग
रोबोट अत्याधुनिक संवेदकों से युक्त रहते हैं जो मानव की सहायता के रूप में कार्य कर सकते हैं इन्हे खतरनाक और विषम परिस्थितियों में भेजा जा सकता है। जैसे- मलेशियन विमान MH-370 के दुर्घटना ग्रस्त होने पर ब्लैक बॉक्स की खोज के लिए blue fin-21 नाम की रोबोटिक पनडुब्बी को भेजा था।
हैदराबाद स्थित साइंस सोसाइटी के वैज्ञानिको ने एक ऐसे रोबोट का विकास किया है जो भूकंप के मलबे में फसे जीवित व्यक्तियों का पता लगा सकता है।
कृषि में रोबोट का प्रयोग
कृषि में रोबोट का प्रयोग खेतों में किया जा सकता है। जैसे खेतों से आलू को निकालने, पके फलों को चुनाव करने,आदि। पश्चिमी देशों में कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों में रोबोट का प्रयोग किया जाता है। भारत में आंध्रप्रदेश के युवा वैज्ञानिक P.S.V. Kisshan ने agribot नाम की एक रोबोटिक प्रणाली बनायी है। जो कृषि कार्यो में किसानों की सहायता के रूप में कार्य कर सकती है।
स्पेस के क्षेत्र में रोबोट के प्रयोग
रोबोट का प्रयोग किसी गृह, उपग्रह आदि के प्रारंभिक अध्ययन के लिए किया जाता है। इससे प्राप्त जानकारी के आधार पर स्पेस के विषय में बेहतर समझ विकसित होगी। जैसे- मंगल गृह की सतह के अध्ययन के लिए नासा के द्वारा क्यूरिऑसिटी रोबोटिक रोबर को उतरा गया। जापान ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर KIROBO नामक मानवीय आकृति के रोबोट को भेजा।
घरेलू क्षेत्र में रोबोट
इस श्रेणी में ऐसे रोबोट आते हैं जिसे एक खिलौने के रूप में विकसित किया गया है। लेकिन कुछ विशिष्ट गुणों को समाहित कर सुरक्षा और देखभाल की दृष्टि से उपयोग बना दिया गया है। जैसे – AIBO(Robo Dog) दृश्य संवेदक युक्त है, जो गाइड की भूमिका निभा सकता है और नेत्रहीनों एवं बच्चों को सड़क पार करा सकता है। इसी तरह TAMA(Robo Cat) सूचना तंत्र से जुड़कर किसी व्यक्ति विशेष के बारे में स्वास्थ्य एवं सुरक्षा संबंधित जानकारियों को परिजनों तक भेज सकता है।
रोबोटिक्स से जुड़ी नैतिक बहस
शुरुआत से ही रोबोट एक नैतिक बहस का मुद्दा रहा है। आज के समय के अनुसार रोबोट्स को और भी अधिक अत्याधुनिक बनाया जा रहा है उनमें सोचने-समझने, खुद से निर्णय लेने लायक बनाने का प्रयास किया जा रहा है। असीमो के द्वारा रोबोटिक्स के नियम भी दिए गए हैं ताकि इंसानो और रोबोट्स के लिए सही लाइन खींची जा सके। आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस के जरिये बनायीं गयी sobhia नामक रोबो, रोबोटिक्स के उभरते वर्चस्व को दिखती है। किन्तु इन सभी अच्छाइयों के अलावा भी बहुत सी चिंताए भी है
अगर इंडस्ट्रीज में रोबोट काम करने लगेगें तो इंसानो के लिए रोजगार की बात ख़तम हो जाएगी। दुनिया में आबादी बढ़ती ही जा रही उसके साथ रोजगार की मांग भी बढ़ रही है अगर कारखानों, कंपनी, बाजार में छोटे- बड़े काम करने के लिए रोबोट का इस्तेमाल किया जायेगा तो इससे लोगों रोजगार की समस्या भी पैदा हो सकती हैं।
रोबोट से जुड़े नैतिक मुद्दे में एक प्रमुख मुद्दा उसके अधिकाधिक मानव स्वरुप होते जाने से जुड़ा है। डेविड हैंसन नामक अमेरिकी वैज्ञानिक ने एक ऐसी कृत्रिम त्वचा बनायीं है जो बिलकुल मानवीय त्वचा की तरह दिखाई देती है उस पर झुर्रिया पड़ती हैं अगर रोबोट मनुष्य की तरह ही दिखाई देने लगेगा तो मनुष्य का भावनात्मक लगाव भी एक संभव घटना हो जाएगी। ऐसी परिघटना कई नैतिक और विधिक जटिलताओं को जन्म देगी।
रोबोट क्या है(robot in hindi), इससे जुड़े हुए कई मुद्दों को एकसाथ लेकर रोबोटिक्स के पहलुओं को जानने की कोशिश की है। यह आज के उगते औद्योगिकवाद में किस तरह से अपनी भूमिका दे सकता है इस पर अभी और विचार करना जरुरी है। ताकि इसका सही उपयोग सुनिश्चित किया जा सके।