भारत के अंदर क्रिप्टोकरेन्सी बैंक(What is Cryptocurrency Bank) की पहली शाखा को राजस्थान के जयपुर शहर में खोला गया है। इसे cashaa के द्वारा खोला गया। इस कंपनी द्वारा जयपुर की Maltistate Cooperative Society के साथ गठजोड़ किया गया है। जिसका नाम Unicas रखा है। दिल्ली, गुजरात, राजस्थान आदि राज्यों में इसकी ब्रांच भी खोली जा रही हैं। अभी भारत में EasyFi Network , Vauld and Cashaa जैसी क्रिप्टोकरेन्सी बैंक को चलाने पर कार्य हो रहा है।
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क्रिप्टोकरेन्सी बैंक (What is Cryptocurrency Bank)
इस बैंक में बिटकॉइन(Bitcoin), एथेरियम(Ethereum) और रिपल(ripple) जैसी क्रिप्टोकरेन्सी को जमा करके उसकी राशि का 50-60% लोन के रूप में पैसा दिया जा सकता है। यह क्रिप्टोकरेन्सी बैंक साधारण बैंक की तरह ही कार्य करती हैं। साधारण बैंक के saving account के समान ही इनमें क्रिप्टोकरेन्सी को जमा करने पर ब्याज दी जाती है।
किन्तु अगर इसकी गोल्ड से तुलना की जाये तो गोल्ड के ऊपर लोन लेने पर व्यक्ति को गोल्ड की राशि से 70-80% तक लोन मिल जाता है इसका कारण यह है कि क्रिप्टोकरेन्सी में किसी भी करेंसी की राशि तरलता (flexibility) बहुत अधिक होती है। उसकी कीमत में उतार चढ़ाव की सम्भावना अधिक होती है। इसी वजह से क्रिप्टोकरेन्सी पर 50-60% राशि को ही लोन के रूप में दिया जाता है।
क्रिप्टोकरेन्सी बैंक से लाभ
Vauld के CEO के द्वारा कहना है कि अभी तक $25 million तक का लोन लिया जा चुका है इसका तात्पर्य है कि लोग इस प्रकार की बैंकों से लोन ले रहे हैं। और इन बैंकों से आसानी से लोन मिल जाता है। इसमें इस बात के मायने नहीं रहते है कि आपका क्रेडिट स्कोर कैसा है।
क्रिप्टोकरेन्सी के द्वारा लोन लेने पर उसे जमा करने का कोई अंतिम समय निर्धारित नहीं किया गया। बल्कि 12-15% की ब्याजदर पर लोन को जमा करना होता है। यह ब्याजदर किसी भी बैंक द्वारा ली जाने वाली ब्याजदर से कम है। किसी भी बैंक द्वारा अनुमानतः व्यक्तिगत लोन पर 12-24% तक ब्याजदर बसूल की जाती है। उसके साथ 2-3% प्रोसेसिंग फीस ली जाती है जो कि बहुत अधिक है।
इससे सबसे अधिक फायदा उन लोगों को होगा जिन्होंने किसी भी डिजिटल करेंसी को खरीद रखा है। और उन्होंने भविष्य के लिए उम्मीद लगा कर क्रिप्टोकरेन्सी को खरीद रखा है किन्तु अचानक से उस व्यक्ति को पैसे की आवश्यक पड़ती है तो इस स्थिति में crypto-bank से लोन लिया सकता है।
क्रिप्टोकरेन्सी बैंक कार्य कैसे करता है?
जब कोई व्यक्ति लोन लेता है तो उसे वह लोन क्रिप्टो अकाउंट में क्रिप्टोकरेन्सी में ही ट्रांसफर किया जाता है। किन्तु इस प्रकार की क्रिप्टोकरेन्सी को stablecoins कहा जाता है। ऐसा इसलिए क्यों कि इस करेंसी का मूल्य डॉलर के समान थोड़ा स्थिर रहता है। जैसे USDT एक stablecoin है। इसे Tether कहा जाता है। जिस प्रकार से डॉलर की कीमत में उतार चढ़ाव आता है वैसे ही Tether की कीमतों में भी उतार चढ़ाव आता है।
जब Stablecoins , क्रिप्टोकरेन्सी अकाउंट में आ जाता है तो उसे बेच कर बैंक में पैसे ले लिए जाते हैं।
क्रिप्टोकरेन्सी बैंक में अचानक से वृद्धि
RBI द्वारा क्रिप्टोकरेन्सी नियंत्रित एवं रोक की खबरे कई आयी हैं। किन्तु पिछले एक साल में सरकार के द्वारा इस पर कोई टिप्पणी नहीं की गयी। इस वजह से बैंक और ग्राहकों में सकारात्मक सोच पैदा हुई है। यह भी एक कारण है जिस वजह से क्रिप्टोकरेन्सी बैंक और ग्राहकों की संख्या में तेज़ी से वद्धि हो रही है।
क्रिप्टोकरेन्सी के विषय पर भारत में हमेशा से संभावनाओं में ऊपर नीचे होती रही हैं। 2017 में RBI के द्वारा बैंक पर प्रतिबंध लगा दिया गया कि कोई बैंक क्रिप्टोकरेन्सी(what is cryptocurrency bank) के द्वारा बैंक में पेमेंट नहीं ले सकती किन्तु उच्चतम न्यायालय के द्वारा इस प्रतिबंध को हटा दिया गया। अभी सरकार के द्वारा कोई प्रतिबंध नहीं लगा हुआ और न ही इस पर कोई बिल लाया गया।