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American election
USA election(united states presidential election),2020 यह हर चार साल बाद होने वाली प्रक्रिया है इस साल 3 Nov को चुनाव सम्पन होंगे। अमेरिकी चुनाव की प्रक्रिया जटिल और लम्बी है अमेरिकी संविधान के अनुच्छेद 2 में राष्ट्रपति चुनाव की प्रकिया का उल्लेख है। electoral system के आधार पर राष्ट्रपति का चुनाव किया जाता है। इस बार की रेस में जो उम्मीदवार उभर कर आ रहे है उसमे डेमोक्रेटिक पार्टी से Joe Biden और रिपब्लिकन पार्टी से Donald ट्रम्प हैं।
डोनाल्ड ट्रम्प दूसरी बार राष्ट्रपति बनने की रेस में आगे है किन्तु अभी तो Jae Biden का चुनाव में नाम आगे लग रहा है। यह ऐसा चुनाव है जिस पर पूरी दुनिया की नजर रहती है, नजर हो भी क्यों न, दुनिया का सबसे ताकतवर देश है अमेरिका !

American election in corona time
कोरोना से देशो कि स्थिति और भी ख़राब होती ही जा रही है ,आने वाले समय में दुनिया के अन्य देशो में भी चुनाव होने वाले है किन्तु अमेरिका कि स्थिति इसमें ज्यादा गंभीर दिखायी देती है क्यों कि कोरोना महामारी के कम होने के आसार अभी कही से दिखाई नहीं दे रहे। किसी भी देश में चुनाव होना एक महँगी प्रक्रिया है, जिसमें सभायें होती है, रैलियां होती है और लोगो कि भीड़ को सम्बोधित करने कि परंपरा रहती है और यही कोरोना काल में समस्या भी है।
हालाँकि अमेरिका जैसे देश में डिजिटल टेक्नोलॉजी का सहारा लेकर समस्या को कम किया जा सकता है। लोगो कि सोच तक t.v. debate के द्वारा पंहुचा जा सकता है जो अमेरिका के चलन में काफी प्रचलित भी है और ऐसा माना जाता है कि अमेरिका में माहौल बनाने का काम असली इन्ही t.v. debate के जरिये होता है। mail marketing का सहारा लिया जा सकता है। ऑडिटोरियम में भीड़ को सम्बोधित करते समय सोशल डिस्टैन्सिंग का सहारा लिया जा सकता है और तय नियमो के आधार पर सब सही किया जा सकता है।
किन्तु कोरोना की चिंता से बचा नहीं जा सकता आज तक के इतिहास में पहले कभी ऐसा नहीं हुआ कि अमेरिका को अपने चुनाव टालने पड़े हो चाहे वह युद्ध जैसी परिष्थिति हो या स्पेनिश फ्लू जैसी महामारी,अमेरिकी चुनाव कभी नहीं टाले गए। अमेरिका में जो भी होता है वह वहां का संविधान और सीनेट( उच्च-सदन ) के आधार पर ही संभव है इसके लिए सीनेट में एक प्रस्ताव लाना होगा। जो अभी होना तो संभव नहीं लगता।
चुनाव पर भारत कि स्थिति
अभी 24-25 Feb के समय अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भारत कि यात्रा पर आये थे तब यह कयास लगाए जा रहे थे कि एक बड़ा जन समूह जो अमेरिका में निवास करता है उसे खुश करने के लिए ऐसा किया जा रहा है और जब प्रधानमंत्री मोदी जी अमेरिका कि विजिट पर गए थे तब उन्होंने आवाज दी थी अबकी बार ट्रम्प सरकार, उसका भी यह असर हो सकता है। हालाँकि भारत भी अपने हित साधने के लिए ऐसा करता है और अंतरराष्ट्रीय सम्बन्धो में ऐसा सभी देश करते है।
कोरोना काल में भारत में चुनाव
अभी हाल ही में बिहार में CM पद के लिए चुनाव होने वाले हैं। यहां के चुनाव कि हालत तो किसी विकसित देश कि चुनाव प्रचार कि स्थिति से एकदम अलग हो जाती है और election commission ने चुनाव कराने का संकेत भी दे दिया है ऐसे में जबकि कोरोना के केस बढ़ते जा रहे, अगर चुनाव करवाया जाता है तो पहली समस्या तो कोरोना की है क्यों कि चुनाव प्रचार में भीड़ लगती है और यह भीड़ इतनी जागरूक और डिजिटल भी नहीं है। लोगो को कितना भी जागरूक कर लिया जाये सोशल डिस्टैन्सिंग संभव नहीं होगी। Bihar election के समय लम्बी लम्बी लाइन को कैसे रोका जायेगा इसका भी समाधान होना संभव नहीं लगता और अगली समस्या प्राकृतिक है, Sep के महीने में बाढ़ कि समस्या पैदा हो जाती ऐसे में मतदान का अधिकतम प्रतिशत प्राप्त न हो। ऐसा लोकतंत्र में सही नहीं है तो ऐसे में सभी पार्टियों को समझदारी का परिचय देना होगा।
किसी भी देश/ राज्य कि राजनीति के लिए वहां के चुनाव की भूमिका सबसे अधिक रहती है। और जनता चुनावो में सीधे तोर पर भागीदार होती है अभी हम कोरोना से बचाव के लिए जो भी कर रहे वह सब लोगो कि भलाई के लिए, तो सरकारें चाहे कोई भी हो उनके फैसले लोगो के साथ तालमेल लिए होने चाहिए। USA election के नतीजों पर तो दुनिया की नजर रहती है।