नवीकरणीय ऊर्जा(renewable energy) क्या है? विश्व में तेज़ी से इसके महत्व को बढ़ावा दिया जा रहा, क्या इन ऊर्जा साधनों के द्वारा जरूरतों को पूरा किया जा सकता है। इन सभी प्रश्नों को खोजने का प्रयास किया गया है।
दुनिया में ऊर्जा प्राप्त करने के मुख्य साधनों में जीवाश्म ईंधन और कोयल ही प्रमुख भूमिका में रहे हैं। कोयला और लोहे के प्रयोग से दुनिया के विभिन्न देशों में औद्योगिक क्रांति को संपन्न किया जा सका। जीवाश्म ईंधन के कारण परिवहन साधनों को गति प्राप्त हुई। जिससे यातायात के क्षेत्र में एक क्रांति आयी। किन्तु इस क्रांति के साथ प्रदूषण की समस्या भी सामने आयी। जिससे ग्लोबल वार्मिंग की समस्या बढ़ती जा रही है।
Table of Contents
नवीकरणीय ऊर्जा(renewable energy) क्या है?
ऐसी ऊर्जा जिसे प्राप्त करने के लिए प्राकृतिक स्रोतों का प्रयोग किया जाता है। जैसे सोर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वार आदि। यह प्राकृतिक स्रोत कभी भी समाप्त नहीं हो सकते। बल्कि ऊर्जा दक्षता को बेहतर बनाये रखने के लिए लगातार नवीनीकरण करना पड़ता है। नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से ऊर्जा प्राप्त करने में प्रदूषण की संभावना कम है।
नवीकरणीय ऊर्जा के प्रकार
पवन ऊर्जा
जिन जगहों पर तेज़ हवाएं चलती है उन स्थानों पर हवा की गति से ऊर्जा प्राप्त करने के लिए पवन चक्कियां(wind turbine) लगायी जाती हैं। इन्हे जमीन और समुद्र दोनों स्थान पर लगाया जा सकता है। जो पवन चक्की जमीन पर लगायी जाती है उसे onshore wind turbine कहा जाता है तथा जिन्हे समुद्र में पानी पर लगाया जाता है उन्हें offshore wind turbine कहते हैं।
सौर ऊर्जा
देश में अधिकांश दिनों में सूर्य की रोशनी धरती पर पड़ती है। इस रोशनी को ऊर्जा के रूप में सिलिकॉन सेल की मदद से विद्युत ऊर्जा में बदलकर प्राप्त किया जा सकता है। दुनिया का सबसे बड़ा सोलर पार्क Bhadla Solar Park जोधपुर राजस्थान में स्थित है। इसकी क्षमता 2.25GW की है और यह 14000 एकड़ में फैला है।
हाइड्रोपावर
इस प्रकार से ऊर्जा प्राप्त करने के लिए जल की गति का उपयोग किया जाता है। इसमें तेज़ बहावयुक्त जल को water turbine पर गिराया जाता है जिससे विद्युत ऊर्जा पैदा होती है। इसे नदी, बांध, नहरों पर लगाया जाता है।
बायोमास
भारत में कृषि एवं वन क्षेत्रों से बड़ी मात्रा में बायोमास सामग्री पैदा होती है। इसे नियंत्रित तरीके से जलाकर बॉयलर की सहायता से भाप पैदा कर टर्बो अल्टरनेटर के द्वारा बिजली पैदा की जाती है।
जियोथर्मल
इसके अंतर्गत भू तापीय ऊर्जा का उपयोग किया जाता है। यह भू तापीय ऊर्जा, ज्वालामुखी के कारण, धरती की प्लाटों के आपस में टकराने से, उल्का पिंडो के गिरने से या इन स्थितियों में लगातार खनिज के रेडियोधर्मी क्षय से पैदा होती है। दुनिया में सबसे अधिक भू तापीय ऊर्जा का उपयोग USA , फिलीपींस के द्वारा किया जाता है।
बायोगैस एनर्जी
बायोगैस ऊर्जा का इस्तेमाल एक लम्बे समय से भारत में किया जाता रहा है। इसमें ऊर्जा के लिए जानवरों के गोबर, जैविक सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है। जिसे एक टैंक में इकठ्ठा किया जाता है तथा ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में जैविक प्रक्रिया (बायोलॉजिकल प्रॉसेस) के द्वारा बायोगैस ऊर्जा को प्राप्त किया जाता है। इसका मुख्य घटक मीथेन है। बायोगैस ऊर्जा को प्राप्त करने के लिए तापमान 30 डिग्री से कम नहीं होना चाहिए। गांव के स्तर पर बायोगैस का अधिकांशतः इस्तेमाल किया जाता है।
नवीकरणीय ऊर्जा(renewable energy) के फायदे
- नवीकरणीय ऊर्जा ग्लोबल वार्मिंग से निपटने में सहायक है। इसके द्वारा प्रदूषण की संभावना कम है। हानिकारक गैसों के उत्सर्जन होने वाले नुकसान को कम करने में सहायक है। दिल्ली जैसे शहरों में शर्दियों के मौसम में प्रदूषण के कारण साँस, और आँखों के रोगियों की समस्याएं बढ़ जाती हैं।
- वैश्विक स्तर पर पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए अनेक समझौते किये गए हैं। जिनकी पूर्ति की जा सकती है।
- अगर सरकार के द्वारा ग्रीन एनर्जी के लिए सहायता प्रदान की जाये तो पर्यावरण की सुरक्षा के उपाय नवीनीकरण ऊर्जा के आधार पर तेज़ी से किये जा सकते हैं। जिसका लाभ अप्रत्यक्ष रूप से स्वास्थ्य और मेडिकल के क्षेत्र में मिलेगा।
- नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाने से अनुसंधान और वैज्ञानिक खोजों को नया आधार मिलेगा। ग्रीन एनर्जी पर आधारित ऊर्जा उत्पादन के नए स्रोतों का विकास किया जायेगा। जिससे रोजगार का सृजन होगा तथा बेरोजगारी की समस्या को कम करने में सहायता मिलेगी।
- देशों और क्षेत्रों के स्तर पर ऊर्जा की मांग और उसकी कीमत में भरी अंतर है। जीवाश्म ईंधन से भरपूर देशों द्वारा तेल कूटनीति का प्रयोग करके खरीदार देशों को लूटा जाता है। नवीनीकरण ऊर्जा स्रोतों से ऊर्जा उत्पादन के द्वारा ऊर्जा कीमतों में स्थितता लायी जा सकती है।
नवीकरणीय ऊर्जा(renewable energy) में बाधाएं
शुरूआती चरण में नवीकरणीय ऊर्जा एक महंगा विकल्प है। नयी तकनीक के विकास के लिए अधिक धन की आवश्यकता होती है। जिससे ग्रीन ऊर्जा प्रचलित कीमतों से अधिक महँगी होती है।
राज्य सरकार ओर केंद्र सरकार के बीच तालमेल न होना और ऊर्जा क्षेत्र के विषयों पर मजबूत इच्छाशक्ति का न होना भी एक बाधा है।
किसी भी देश के लिए आज के समय में सबसे बड़ी चुनौती कारखानों और वाहनों से निकलने वाला धूंआ है। इस धूएं में कार्बन के साथ सल्फर ऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसी हानिकारक गैसों का निष्कासन होता है साथ ही धातु के महीन कण भी वायुमंडल में निष्काषित हो जाते हैं जो वायुमंडल के लिए अत्यंत प्रदूषक है।
नवीकरणीय ऊर्जा(renewable energy) में उपाय
सरकार प्रदुषण को नियंत्रण करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों के अपनाने पर तेज़ी से जोर दे रही है। किन्तु इसमें सबसे बड़ी चुनौती देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन का न होना है। देश की अधिकांश जनता का रुख इलेक्ट्रिक वाहनों की और मुद रहा है और पेट्रोल, डीज़ल के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में सरकार को अपनी ओर से चार्जिंग स्टेशन लगवाने चाहिए। कंपनियों को छूट देनी चाहिए तथा केंद्र को खुद के स्तर पर बैंक से लोन लेकर चार्जिंग स्टेशन लगवाने चाहिए। इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी को बढ़ाना चाहिए।
सोर ऊर्जा के सभी सरकारी ओर गैर सरकारी भवनों पर लगाना अनिवार्य करना चाहिए। तथा सोर ऊर्जा के अतिरिक्त पैदा होने से उसे मुख्य ग्रिड से जोड़कर बेचने का प्रबंध होना चाहिए। गांव के स्तर पर सोर ऊर्जा का भरपूर प्रयोग किया जा सकता है। ऐसे बहुत से दूर दर्ज के क्षेत्र हैं जहाँ अभी तक रोशनी नहीं पहुंच सही है। ऐसी जगहों पर सोर ऊर्जा का विकल्प तलाशा जा सकता है। गांव को अगर मुख्य ग्रिड से जोड़ दिया जाता है तो यह भी गांव के लोगों के लिए जीविका का साधन बन सकता है।
भारत के पास एक लम्बी तटीय सीमा है। जिसका उपयोग समुद्री पवन चक्कियों के द्वारा ऊर्जा निर्माण में किया जा सकता है। इसके साथ ही भारत नदियों से संपन्न देश है। जहाँ अनेकों छोटे बड़े बांध ओर उनसे निकलती जल धाराएं हैं। जो हाइड्रोपावर के लिहाज से उचित ऊर्जा साधन है।
सरकार के द्वारा उठाये जा रहे कदम
विभिन्न सरकारों को खुद के स्तर पर शहरों में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दे रही हैं। दिल्ली में हाइड्रोजन युक्त ईंधन से बस चलाने का ट्रायल चल रहा है। दिल्ली सरकार के द्वारा इलेक्ट्रिक बसों को चलाने के प्रयास किये जा रहे। जिससे जीवाश्म ईंधन की खपत को कम किया जा सके।
पवन ऊर्जा के क्षेत्र में केंद्र सरकार के द्वारा प्रयास किये जा रहे। तथा देश की कम्पनी को पवन चक्कियां लगाने के बड़ा टेंडर दिया गया है।
उसी प्रकार सोर ऊर्जा के क्षेत्र में सोर पैनल की कीमतों को लगातार कम करने का प्रयास किया जा रहा। चीन पर निर्भरता को कम करने के लिए देश में ही सोलर पैनल बनाये जा रहे। भारत जल और जमीन दोनों पर सोलर पैनल को लगाकर ग्रीन एनर्जी के माध्यम से अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के विकल्पों पर तेज़ी से कार्य कर रहा है।
धरती का तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है। इसमें विश्व पर ग्लोबल वार्मिंग सीधा असर देखने को मिल रहा है। पेरिस क्लाइमेट चेंज समझौते में धरती के तापमान को नियंत्रित करने के लिए समझौता किया गया था। जिसके लिए तमाम देशों की सरकारें प्रयास कर रही हैं।
दुनिया की सबसे बड़ी चुनौती जीवाश्म ईंधन और कोयले है जिस पर सभी देशों को अपनी निर्भरता को जल्द से जल्द खत्म करना होगा। इंसानों के द्वारा अपनी क्षमता से अधिक कार्बन का निष्कासन किया जा रहा है जिसे पृथ्वी अवशोषित करने में असमर्थ है। प्रकृति को सुरक्षित रखने के लिए कार्बन निष्कासन पर रोक लगनी होगी जिसके लिए नवीकरणीय ऊर्जा(renewable energy) स्रोतों और तकनीक को अपनाना होगा।