क्वांटम कंप्यूटर क्या है(Quantum Computer in Hindi)? स्वदेशी क्वांटम कंप्यूटर सिम्युलेटर का विकास

Quantum Computer in Hindi: कंप्यूटर आधुनिक युग की वह खोज है जिसने तकनीक को एक अलग स्तर पर पंहुचा दिया है। साधारण कार्यों से लेकर मौसम, उल्का पिंड, ग्रहों की जटिल गणनाओं को हल करने के लिए शक्तिशाली सुपर कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जाता है। साधारण कंप्यूटर से सुपर कंप्यूटर तक के विकास की इस प्रक्रिया में वैज्ञानिकों के द्वारा अब पूरी तरह नयी कंप्यूटर प्रणाली के विकास पर कार्य किया जा रहा है। जिसे क्वांटम कंप्यूटर के नाम से जानते हैं। क्वांटम कंप्यूटर को भविष्य का कंप्यूटर माना जा रहा है।

साधारण रूप से सोचा जाये तो तकनीक में होता तेज़ विकास आप सभी ने ज्यादातर अनुभव किया होगा। आज के समय में 1TB की Pendrive और चिप आसानी से बाजार में उपलब्ध है और कुछ साल पहले तक 1TB की Pendrive और चिप के विषय में सोचते भी नहीं होंगे। उस समय 1TB से मालूम होता था कि बहुत अधिक मेमोरी है, जिसका आकार भी आज के मुकाबले बहुत बड़ा होता था।

हालाँकि एक दिन ऐसा भी आएगा जब क्वांटम कंप्यूटर का लोगों द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा होगा। अभी यह विकास और अनुसन्धान के स्तर पर ही है।

क्वांटम कंप्यूटर क्या है?(Quantum Computer in Hindi)

यह एक ऐसी मशीन है। जो Quantum Physics के नियमों और आधारों का इस्तेमाल कर डाटा को संग्रहित करती है जिसके आधार पर प्रोग्राम को चलाया जाता है। जो  आज के कंप्यूटर से बेहद भिन्न है।

आज के समय के कंप्यूटर में प्रोग्राम लिखने के लिए बाइनरी डिजिट्स(0,1) को मशीनीकृत भाषा में बदलकर उपयोग किया जाता है। इन बाइनरी डिजिट्स को “0” और “1” के रूप में के रूप में लिखा जाता है।

जबकि क्वांटम कंप्यूटर में इन बाइनरी डिजिट्स की जगह क्वांटम डिजिट्स का इस्तेमाल किया जाता है। जिन्हे QUBITS कहते हैं।

साधारण कंप्यूटर में 1 bit से तात्पर्य केवल दो संख्याओं 0 और 1 से है। किन्तु Qubits में यह संख्या एक ही बार में 0 और 1 से ज्यादा हो सकती हैं। इस प्रकार Qubits एक समय में तीन तरह की संख्याओं को रख सकता है।

क्वांटम कंप्यूटर में गणना के लिए परमाणुओं के स्पिन का इस्तेमाल किया जाता है। इन परमाणुओं का स्पिन clockwise और anticlockwise दोनों हो सकता है। इन परमाणुओं के स्पिन के आधार पर ही 0 और 1 वैल्यू दी जाती है। अगर किसी परमाणु को एक समय में ही मापा जाये तो यह clockwise या anticlockwise दोनों तरफ हो सकता है। इस प्रकार से चार कोड प्राप्त होते हैं।- 10 , 01 , 00 , 11

वैज्ञानिकों के द्वारा माना  जाता है कि 40 Qubits वाले क्वांटम कंप्यूटर की स्पीड आज के समय के सुपरकम्पूटर के बराबर होगी। इन Qubits में इतनी ऊर्जा रहती है कि इन्हे शून्य तापमान पर ठंडा करके रखा जाता है। इन कंप्यूटर की जटिलता के कारण इनके प्रोग्रामिंग का कार्य भी अलग प्रकार से होता है।

क्वांटम कंप्यूटर सिम्युलेटर क्या है?

Ministry of Electronics and Information Technology(Meity) के द्वारा देश का पहला Quantum Computer Simulator(QSim) toolkit को बनाया गया। इस सिम्युलेटर के द्वारा क्वांटम कंप्यूटर से जुड़े हुए हार्डवेयर को बनाते समय उसे सिम्युलेटर के द्वारा पहले से जांचा जा सकेगा। सिम्युलेटर को देश में ही बनाया गया है। इसके बनाने से क्वांटम कंप्यूटर के क्षेत्र में कार्य कर रहे वैज्ञानिकों को शोधकार्य में मदद मिलेगी।

इस प्रोजेक्ट पर IISc Bangalore , IIT Roorkee , C-DAC ने एक साथ मिलकर कार्य किया।

क्वांटम कंप्यूटर आवश्यक तथ्य

क्वांटम कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर के स्थान पर क्वांटम डॉट या क्वांटम लूप का इस्तेमाल किया जाता है। जो कि अर्द्धचालकों(semi conductor) की नैनों संरचनायें होती हैं। क्वांटम कंप्यूटर में आंकड़ों को इन qubits में बदला जाता है। जिनकी गणना क्वांटम लूप या क्वांटम डॉट्स के द्वारा की जाती है।

क्वांटम कंप्यूटिंग की अवधारणा क्वांटम मैकेनिक्स के दो महत्वपूर्ण सिद्धांतों पर आधारित है।

  • Super position: इसके द्वारा अलग अलग प्रकार के electron spin pair की प्राप्ति की जाती है।
  • Entanglement: इस प्रक्रिया में किसी इलेक्ट्रान पेअर के एक इलेक्ट्रान की spin में बदलाव करने पर दूसरे इलेक्ट्रान के स्पिन में पूरक बदलाव होता है।

क्वांटम कंप्यूटर(Quantum Computer in Hindi) के विकास के लिए अभी बहुत समय बाकि है। D-wave दुनिया का पहला व्यावसायिक रूप से उपलब्ध क्वांटम कंप्यूटर है। जिसका विकास D-wave सिस्टम कनाडा के द्वारा किया गया है। दुनिया में आज गूगल, IBM , Microsoft जैसी बड़ी कंपनियां क्वांटम कंप्यूटर के विकास का प्रयास कर रही हैं। जिसमें अभी बहुत समय बाकी है।

 

 

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