Petrol Crisis in UK: आज के समय यूनाइटेड किंगडम(UK) पेट्रोल की बहुत बड़ी समस्या से जूझ रहा है। समस्या इतनी अधिक बढ़ चुकी है कि UK के 90% पेट्रोल पंप बंद हो चुके हैं। अफरातफरी में लोग पेट्रोल को खरीद रहे हैं। जिसकी वजह से समस्या और भी अधिक बढ़ गयी है। लोग गाड़ियों से लाइन लगा रहे जिस वजह से गाड़ियां आपस में टकरा रही हैं और जाम की समस्या पैदा हो गयी है। दुनिया की मीडिया के द्वारा इस न्यूज़ को कवर किया जा रहा है। ऐसा इसीलिए क्यों कि पेट्रोल संकट से अन्य संकट भी पैदा हो सकते हैं।
किसी भी देश के लिए यातायात उसकी अर्थव्यवस्था का मुख्य चक्र होता है। पेट्रोल न मिलने से हेल्थ, कोरोना की स्थिति में इमरजेंसी हेल्थ संकट, फ़ूड संकट, जरुरी सामान, आदि के तय समय अनुसार न पहुंचने पर पूरी इकॉनमी ठप्प हो सकती है। ऐसा अनुमान है कि UK की पूरी सप्लाई चैन पर ही असर पड़ सकता है और UK में यह समस्या कई हफ़्तों तक चल सकती है।
समस्या के ख़राब स्थिति का अंदाजा इस लिहाज़ से लगाया जा सकता है कि ब्रिटिश सेना को स्थिति को काबू करने के लिए तैयार रखा गया है। अगर स्थिति ख़राब होती है और अगर लोग सड़कों पर आते हैं तो सेना की मदद भी ली जा सकती है।
समस्या कैसे पैदा हुई(Petrol Crisis in UK)
UK आज के समय जो समस्या झेल रहा है, उसकी शुरुआत ब्रेक्सिट से होती है। यूरोपियन यूनियन(EU) से UK को खुद को अलग करने के बाद UK की सरकार ने खुद को schengen area से भी अलग कर लिया(जो भी देश schengen area के अंदर आते हैं वहां के लोग आसानी से किसी भी देश में जा सकते हैं, वहां जॉब कर सकते हैं। यह एक ऐसा सिस्टम हैं जिसके जरिये अधिकांशतः पूरा EU एक देश की तरह ही प्रतीत होता है)।
अब जब UK इन दोनों संस्थाओं से अलग हो गया है। तो UK के लिए जो बहुत से वर्कर काम के लिए आते थे जो कि ट्रक ड्राइवर्स थे। अब उन्हें कहाँ से लाया जायेगा। schengen area से अलग होने के बाद यूरोप के अन्य देशों से काम के लिए जो लोग आते थे। उनकी बहुत अधिक मात्रा में कमी हो गयी है।
इस समस्या को UK की बड़ी कंपनियां पहले से झेल रही रही थी। इन कंपनियों के द्वारा सरकार को चिट्ठी लिखी गयी कि भविष्य में समस्या बढ़ सकती है। कंपनियों के द्वारा सलाह दी गयी कि सरकार को नयी Visa पालिसी लेकर आनी चाहिए। जिसके तहत EU के लोगों को 2 साल का Free Visa दे दिया जायेगा ताकि UK में कुछ वर्कफोर्स बनी रहे। किन्तु सरकार के द्वारा इस सलाह को नकार दिया गया।
और सरकार द्वारा अपनी छवी बचाने को अधिक महत्व दिया गया। क्यों कि ब्रेक्सिट को अलग करने का श्रेय conservative party को जाता है और अभी यही पार्टी सत्ता में है। अगर Visa पालिसी को लाया जाता तो जनता का सरकार से सवाल होता कि ब्रेक्सिट क्यों किया गया? इससे सरकार की साख पर बट्टा लगता।
UK में 6 करोड़ से अधिक आबादी है। कोरोना की वजह से अचानक से इतनी आबादी से ट्रक ड्राइवर्स आने का विचार ठप पड़ गया। अभी UK में 1 लाख ट्रक ड्राइवर्स की कमी पड़ी हुई है। इतनी बड़ी संख्या को एक साथ पूरा कर पाना मुश्किल है। क्यों कि ड्राइवर्स को ट्रेनिंग देने का कार्य, एक तय समय में ही पूरी की जा सकने वाली प्रक्रिया है। और कोरोना में यह समस्या और अधिक जटिल हो जाती है।
कोरोना कि वजह से ट्रक ड्राइवर्स की ट्रेनिंग का कार्य बहुत सुस्त हो गया है। यूरोपियन देशों के नियम भी बहुत अलग हैं और जो लोग भी ट्रक ड्राइवर्स हैं उनमें बहुत से लोग कोरोना में बीमार हैं।
इस बड़ी हुई समस्या को काबू करने के लिए अब यूके द्वारा ट्रक ड्राइवर्स को वापस लाने के प्रयास किये जा रहे। इसके लिए सरकार अब ट्रक ड्राइवर्स के लिए टेम्पररी वीसा स्कीम निकाल रही है। अब EU के किसी देश से अगर कोई ट्रक ड्राइवर्स UK में जाता है तो उसे वीसा स्कीम का लाभ दिया जा सकता है।
ट्रक ड्राइवर्स वापस क्यों नहीं जा रहे ?(Petrol Crisis in UK)
यूरोप में सामान के मांग और पूर्ति में अभी कोई कमी दिखाई नहीं दे रही और जल्द ही क्रिसमस आने वाला है। इस लिहाज़ से ट्रक ड्राइवर्स के पास सामान के लाने ले जाने के लिए कमी नहीं है। फेस्टिवल के समय पूरे यूरोप में क्रिसमस की तैयारी बहुत पहले से ही शुरू हो जाती है। इसके लिए इंडस्ट्रीज और बाजार की तैयारी भी पहले से ही चालू रहती हैं। इसलिए इस सीजन में ट्रक ड्राइवर्स के पास काम की कोई कमी नहीं रहती है। इसके अलावा जब ब्रेक्सिट हुआ था तो UK के लोगों द्वारा कई बार बाहर के ट्रक ड्राइवर्स के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया गया।
अब अगर ट्रक ड्राइवर्स वापस नहीं जाते तो UK को बाहर के देशों(जैसे- इंडिया,अफ्रीका) से हज़ारों की संख्या में ट्रक ड्राइवर्स बुलाने होंगे। तभी UK के पेट्रोल संकट(Petrol Crisis in UK) को काबू में लाया जा सकता है। UK के द्वारा इस समस्या से अगर नहीं निपटा गया तो क्रिसमस फेस्टिवल की वजह से समस्या और भी बढ़ सकती हैं।