Joe Biden vs Donald Trump दोनों ही अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के लिए आमने सामने है इन चनावों में रिपब्लिकन पार्टी (Republican Party) की तरफ से डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) और डेमोक्रेट पार्टी ( Democratic Party) की तरफ से जो बाइडेन (Joe Biden) राष्ट्रपति चुनावों में भाग ले रहे हैं। कोरोना के चलते ही नवंबर में चुनाव होने वाले हैं। इन चुनावों का भारत पर क्या असर रह सकता है दोनों प्रत्याशियों में से किसी के भी जीतने पर- इसे समझने का प्रयाश करते हैं। इसे समझने के लिए Trade War और US President चुनाव को समझने का प्रयास करना होगा।
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Trade War होता क्या है।
जब कोई देश आयात किये जाने वाले सामान और सेवाओं पर किसी प्रकार का शुल्क या कोटा लगता है और ऐसा दूसरे देश की जवाबी कार्यवाही के तौर पर करता है तो इस प्रकार की संरक्षणवादी नीतियों को trade war(व्यापर युद्ध) कहते हैं। जैसे-जैसे trade war बढ़ता जाता है आयात पर पाबंदियों को लगाने से उस देश द्वारा संरक्षणवादी रवैया अपना लिया जाता है ऐसा करके वह देश अपने घरेलू उद्योगों, बाजार को बढ़ाने का प्रयाश करता है किन्तु ऐसा करने से देश दुनिया में व्यापर कम होता जाता है।
Trade War क्यों किया जाता है किसी देश के द्वारा?
किसी देश द्वारा ट्रेड वॉर शुरू करने के कई कारण हो सकते है जैसे- Trade Deficit को कम करने, घरेलू उद्योगों में रोजगार पैदा करने। US China में ट्रेड वॉर शुरू होने के यह भी कारण थे ।
US-China Trade War
US-China में trade deficit यानि की आयात निर्यात में भारी अंतर था, लगभग $600 billion केवल चीन के साथ। हालाँकि अमेरिका का अन्य देशों के साथ भी व्यापार घाटा है किन्तु वह कम है। इस ट्रेड वॉर की शुरुआत मार्च-2018 में ट्रम्प द्वारा एल्युमीनियम और स्टील पर अतिरिक्त शुल्क लगा देने से हुई। अमेरिका के द्वारा शुल्क को बेहद बड़ा दिया गया जिस कारण चीन को बहुत अधिक नुकसान हुआ।
चीन दुनिया में स्टील और एल्युमीनियम का बहुत बड़ा निर्यातक देश है। हालाँकि इस ट्रेड वॉर के चलते फायदा भारत को मिलता है, अब USA भारत से सामान मंगाने पर जोर देता है। इस कारण भारत को $755 million का अतिरिक्त निर्यात पर फायदा होता है । जिसमें मुख्यतः फायदा केमिकल, मेटल्स, और अयस्क पर होता है। इस डाटा को UN trade and investment body के द्वारा दिया गया। ऐसी उम्मीद है कि अगर यह ट्रेड वॉर लम्बा चलता है तो यह भारत के लिए अत्यंत लाभकारी होगा।
US President(Joe Biden vs Donald Trump) की चुनाव यात्रा
Joe Biden vs Donald Trump दोनों ही राष्ट्रपति पद के दावेदार है। डोनाल्ड ट्रम्प जो अमेरिका 1st की बात करते हैं एवं चीन के घोर विरोधी आलोचक हैं। ऐसा उनके बातों और बयानों से साबित होता है।
कोरोना के समय चीन की जितनी खुल-कर आलोचना ट्रम्प द्वारा की गयी है उतनी किसी और के द्वारा नहीं की गयी। अगर ट्रम्प राष्ट्रपति फिर से चुने जाते है तो अनुमान है कि ट्रेड वॉर की स्थिति चीन से बनी रहेगी जिसका फायदा भारत को बने रहने की उम्मीद है। ट्रम्प के अलावा भी बहुत सी अमेरिका की कंपनी हैं, जिनका रुख चीन को लेकर बदल रहा है और ऐसा कोरोना वायरस के बाद अधिक देखने को मिला है। कोरोना के बाद बहुत सी कंपनी चीन से अपने प्लांट्स को भारत में लगाने पर विचार कर रही। इस आधार पर भी भारत को यहां से फायदा मिल सकता है।
यहीं अगर दूसरे कैंडिडेट बाइडन की बात करे तो उनका झुकाव चीन की तरफ दिखाई देता है। एक बार जब बाइडन अपने बेटे को बीजिंग लेकर गए उसके कुछ दिन बाद बाइडन के बेटे को चीन की किसी फर्म में पार्टनर बना दिया गया जिसके बाद इस फर्म ने 1.5 billion से भी अधिक पैसा लगाया। इसके अलावा आगे भी चीन के द्वारा फायदे बाइडन को मिलते रहे। इसी लिए चीन को लेकर बाइडन के इंट्रेस्ट की बात कही जा रही है।
भारत की स्थिति एवं भारत के हित
भारत के साथ भी चीन के रिश्ते कोई खास अच्छे नहीं है चीन की तरफ से सीमा विवाद आये दिन होता ही रहता है। गलवान घाटी को लेकर चीन से विवाद में हमारे कई जवान शहीद हो गए। दोनों देशों के बीच झड़पे होती ही रहती हैं। चीन की इन हरकतों से तंग आकर भारत में भी चीन के सामान के बहिष्कार की मांग तेज हो गयी जिसके चलते चीन की एप्लीकेशन्स को बैन कर दिया गया। इन प्रतिक्रियाओं से दोनों देशों के बीच ट्रेड वॉर जैसी स्थिति बन गयी। यह तो सरकार पर निर्भर है कि उसके द्वारा क्या कदम उठाये जाते है। कोरोना के चलते पहले से ही स्थिति ख़राब हो रखी है।
भारत को अपने हितों को ध्यान में रखते हुई अमेरिका और चीन दोनों से ही फायदा बनाये रखने के प्रयास करने चाहिए। आने वाले समय में अमेरिका का राष्ट्रपति कोई भी चुना जाये, चाहे वह Joe Biden हों या Donald Trump किसी देश की कूटनीति का कोई भरोसा नहीं है क्यों कि ट्रम्प किसी भी भाषण में क्या बोले दे कोई अंदाजा नहीं,
उनके भारत को लेकर भी विवादित बयान आते रहते हैं। अगर ट्रम्प राष्ट्रपति बने रहते है तो शायद भारत को व्यापार लाभ के लिए कम प्रयास करना पड़े। किन्तु अगर बाइडन राष्ट्रपति बनते है तो किसी बात का पहले से अनुमान लगाना मुश्किल है। उनके राष्ट्रपति बनने के बाद ही यह तय होगा कि अमेरिकी विदेश नीति किस तरफ आगे बढ़ेगी और भारत अपने हितों के लिए क्या कदम उठतेगा। इन सब के लिए तो Joe Biden vs Donald Trump के NOV में नतीजे ही तय करेंगे।