इंटरनेट क्या है (Internet kya hai)? इससे जुड़ी जानकारी

इंटरनेट क्या है (Internet kya hai)?, इस आर्टिकल में, इस विषय को समझने का  प्रयास किया गया है। साधारण शब्दों में कहें तो इंटरनेट एक ऐसी टेक्नोलॉजी है। जिसके द्वारा दुनिया की अधिकांश डिजिटल मशीन को एक नेटवर्क से जोड़ दिया गया है। यह जाल सूचनाओं को इकठ्ठा किया हुआ है। जो व्यक्ति के आदेश अनुसार जानकारी को सम्प्रेषित करता है।

पूरी दुनिया में इंटरनेट का जाल सर्वर के माध्यम से फैला है। इसके लिए केबल के जरिये, एक जाल पूरी दुनिया में फैलाया गया है। एवं एक देश से दूसरे देश तक इंटरनेट की सुविधा पहुंचने के लिए समुद्र से होकर इन केबलों के जाल को आपस में जोड़ा गया है।

नेटवर्किंग क्या है?

जब किसी कंप्यूटर को अन्य कंप्यूटर के साथ जोड़ा जाता है तो इस प्रक्रिया को नेटवर्किंग कहते हैं। नेटवर्क तैयार करने की यह प्रक्रिया डाटा के आदान प्रदान के लिए बनायीं जाती है। यह प्रक्रिया दो प्रकार की होती है।

  1. LAN(Local Area Network)
  2. WAN(Wide Area Network)

LAN(Local Area Network)

इस प्रक्रिया के अंतर्गत एक स्थान पर मौजूद कुछ कम्प्यूटरों को ही जोड़ा जाता है। इसे अक्सर केबल की सहायता से जोड़ा जाता है। इसमें से किसी एक कंप्यूटर को मुख्य भूमिका में रखा जाता है। जिससे सर्वर जुड़ा रहता है। बाकी के सभी कंप्यूटर इस सर्वर के माध्यम से आपस में जुड़े रहते हैं। इन सभी को क्लाइंट कहा जाता है। LAN टेक्नोलॉजी पर ही इंटरनेट को व्यवस्थित किया जाता है।

WAN(Wide Area Network)

इसका इस्तेमाल बहुत अधिक दूरी पर स्थित कम्प्यूटरों के बीच नेटवर्क की स्थापना करने के लिए होती है। ऐसी स्थिति में कम्प्यूटरों को जोड़ने के लिए टेलीफोन और सैटेलाइट आदि का प्रयोग किया जाता है। WAN(Wide Area Network) को LAN(Local Area Network) के साथ जोड़ा जाता है।

इंटरनेट एक ऐसा WAN नेटवर्क है जिसने दुनिया में सबसे बड़े रूप में खुद को स्थापित कर रखा है।

DNS क्या है।

सर्वर की दुनिया में इंटरनेट के जरिये एक दूसरे कंप्यूटर की पहचान के लिए कंप्यूटर डोमेन नेम सिस्टम का प्रयोग किया जाता है। इस प्रक्रिया में इंटरनेट से जुड़ने के लिए एक विशिष्ट सांख्यिकीय लेबल या ip address(internet protocol address) की आवश्यकता होती है। यह ip address वैश्विक डाटा बेस में स्थित डोमेन नाम से मेल खाता है।

इंटरनेट क्या है (internet kya hai)?

इंटरनेट का इतिहास

इंटरनेट का विकास 1969 से माना जाता है। अमेरिका रक्षा विभाग के मुख्यालय एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी(ARPA) के साथ ही इंटरनेट का विकास हुआ। इंटरनेट के विकास के पीछे की सोच यह थी कि अमेरिकी रक्षा विभाग एक ऐसे कमांड कंट्रोल का विकास करने का प्रयास कर रहा था। जिस पर सोवियत संघ के परमाणु हमले का भी असर नहीं हो। इसी नजरिये के साथ अमेरिका के समस्त सूचना संसाधनों के संरक्षण के उद्देश्य से विकेन्द्रित नेटवर्क को बनाया जिसके अंतर्गत सभी कंप्यूटर को जोड़ दिया गया।

आगे चलकर अमेरिका के रक्षा उन्नत अनुसंधान परियोजना एजेंसी(DARPA) के द्वारा विभिन्न प्रकार के सूचना प्रौद्योगिकियों के शोध कार्यक्रम की शुरुआत की और भविष्य में यही शोध कार्यक्रम वर्ल्ड वाइड वेब के माध्यम से अपने वर्तमान रूप में सामने आया।

समय के साथ जिस प्रकार से तकनीकी विकास बढ़ता जा रहा है। वैसे वैसे नए सॉफ्टवेयर, सर्च इंजन तथा वेब ब्राउज़र आते गए। जैसे ओपेरा, गूगल क्रोम, एप्पल का सफारी आदि वेब ब्राउज़र के उदाहरण हैं।

इंटरनेट का प्रयोग दो विधियों से किया जा सकता है। इसमें पहली विधि को shell Account जबकि दूसरी विधि को Internet Protocol Account के नाम से जानते हैं। Shell Account में कंप्यूटर इंटरनेट पर उपलब्ध सूचनाओं को प्राप्त तो करता है किन्तु Shell Account खुद उसका हिस्सा नहीं बनता है।

इंटरनेट के माध्यम से प्राप्त सुविधाएँ

WWW (वर्ल्ड वाइड वेब)

यह इंटरनेट पर उपलब्ध सबसे महत्वपूर्ण सुविधा है। इसके माध्यम से किसी भी व्यक्ति द्वारा, इंटरनेट पर उपलब्ध सूचना को कहीं से भी कंप्यूटर पर प्राप्त किया जा सकता है। ऐसा करने के लिए इसे क्रॉस इंडेक्सिंग का इस्तेमाल करना पड़ता है। जो मोज़ाइक जैसे सॉफ्टवेयर की सहायता से हो जाता है।

वेबसाइट (Website)

यह इंटरनेट की दुनिया में उपलब्ध एक स्थान है। जिसे किसी व्यक्ति या संस्था के द्वारा उपयोग में लाया जाता है। एवं उस व्यक्ति या संस्था के द्वारा किसी भी सही जानकारी को इंटरनेट पर डाला जा सकता है। और यह सूचना इंटरनेट के माध्यम से विश्व में किसी को भी कंप्यूटर पर उपलब्ध हो जाती है।

ईमेल (E-mail)

ईमेल इलेक्ट्रॉनिक मेल का छोटा रूप है। यह ऐसी डांक व्यवस्था है। जो इंटरनेट के माध्यम से किसी भी कंप्यूटर में आसानी से उपलब्ध हो सकती है। एवं इसके माध्यम से डाटा का हस्तांतरण भी किया जा सकता है।

इसमें कंप्यूटर के डिजिटल सन्देश को मॉडेम एनालॉग संकेत में बदलकर टेलीफ़ोन लाइन के माध्यम से संग्राहक कंप्यूटर तक पहुंचाता है और उस कंप्यूटर से जुड़ा मोडेम पुनः उसे डिजिटल रूप देकर स्क्रीन पर उपलब्ध कराता है। और यदि कंप्यूटर में इंटरनेट कि सुविधा उपलब्ध न हो या कंप्यूटर प्रयोग में न हो तो सन्देश उसके निजी अकाउंट में स्टोर हो जाता है। जिसे सुविधा अनुसार कभी भी देखा जा सकता है।

टेली टेक्स्ट 

इसकी तुलना पत्रिका से की जाती है। क्यों कि इसमें पर्दे पर पहले सूचनाओं की क्रम-सूची आती है जिसे देखकर यह पता लग जाता है कि, किस विषय से सम्बंधित सूचना किस पेज पर हैं?

इस सुविधा के द्वारा रेलवे की समय सारणी, बाजार भाव, शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव, टेलीफोन डायरी, विदेशी विमानों की समय सारणी आदि को जाना जा सकता है।

टेलनेट टेलीफोनी

यह इंटरनेट पर उपलब्ध एक ऐसी सुविधा है जिसके द्वारा हम दुनिया के किसी भी व्यक्ति से संपर्क कर सकते हैं। संपर्क करने के क्रम में सुना भी जा सकता है और देखा भी जा सकता है। इस प्रणाली में multimedia का इस्तेमाल होता है। इसे audio visual format भी कहा जाता है। अभी इसका इस्तेमाल दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रमों में, चिकित्सा, अनुसंधान आदि में हो रहा है।

इंटरनेट प्रोटोकॉल क्या है?

यह कंप्यूटर के लिए के नेविगेशनल(मार्गदर्शक) प्रणाली है। जिसमें इंटरनेट की मदद से सूचनाओं को भेजा जाता है। यह कई प्रकार के होते हैं।

हाइपर टेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल(HTTP)

यह HTML- Hyper Text Markup Language में तैयार किया गया सॉफ्टवेयर है। जिसकी सहायता से संपर्क स्थापित किया जाता है। इसमें Text एवं Ghraphics दोनों का ही सम्प्रेषण किया जा सकता है।

ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल अथवा इंटरनेट प्रोटोकॉल(TCP/IP)

सूचना सम्प्रेषण का कार्य ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल की सहायता से किया जाता है। जबकि सूचनाओं को निर्देशित करने का काम इंटरनेट प्रोटोकॉल के माध्यम से किया जाता है।

टेलनेट(Telnet)

सूचनाओं को सम्प्रेषित करने के लिए टेलनेट की सहायता से दो कम्प्यूटरों को संपर्क में लाया जा सकता है। जिस कंप्यूटर के द्वारा सूचनाओं का सम्प्रेषण होता है उसे local computer , तथा जिस जगह सम्प्रेषित सूचनाओं को प्राप्त किया जाता है उस कंप्यूटर को remote कंप्यूटर कहते हैं।

गॉफर(Gopher)

दूरस्थ जगहों पर इंटरनेट की मदद से सूचनाओं को प्राप्त करने में इस प्रोटोकॉल का इस्तेमाल किया जाता है।

इंटीग्रेटेड सर्विसेज डिजिटल नेटवर्क(ISDN) क्या है?

यह एक ऐसा टेलीफ़ोन नेटवर्क है जिस 128 Kbps की गति पर डिजिटल सूचना को भेजा जा सकता है। इसमें एक साथ डाटा, वीडियो, आवाज इत्यादि का प्रसारण करना संभव होता है।

भारत में इंटरनेट

भारत में इंटरनेट का प्रयोग 1995 से प्रारम्भ हुआ जिसे मुख्य रूप में VSNL(विदेश संचार निगम लिमिटेड) की GIAS(Gateway International Access Service) के माध्यम से उपलब्ध कराया गया। वर्तमान समय में कई निजी संस्थाएं भी सुविधा उपलब्ध करा रही हैं। विद्यार्थियों तथा अध्यापकों के लिए VSNL के माध्यम से एक विशेष नेटवर्क की स्थापना की गयी है। जिसे ERNET(Education And Research Network) कहते हैं। इसके अतिरिक्त कुछ नेटवर्क इस प्रकार है-

NICNET(National Information Centre Network)- यह कार्यक्रम भारत सरकार द्वारा चलाया जाता है। इसी के माध्यम से भारत के सभी जिले एक दूसरे से तथा केंद्र सरकार के साथ जुड़े होते हैं।

INFLIB NET(Information & Library Network)- यह नेटवर्क UGC के माध्यम से संचालित किया जाता है। इसका उद्देश्य देश के सभी पुस्तकालयों को जोड़कर सभी महत्वपूर्ण पुस्तकों को इंटरनेट पर उपलब्ध कराना है।

INET(Indian Network)- व्यावसायिक कार्यों के लिए।

SIR NET( साइंटिफिक )- वैज्ञानिक एवं औद्योगिक शोधों से सम्बंधित सूचनाओं एवं कार्यों के लिए।

इंटरनेट के उपयोग से लाभ

  • सुचना माध्यमों के रूप में इंटरनेट ईमेल की सुविधा उपलब्ध कराता है जो पारम्परिक डाक सेवा से सस्ती है बल्कि प्राप्त करता दुनिया के किसी भी स्थान पर हो, ईमेल अकाउंट को लॉगिन करके पड़ सकता है।
  • इंटरनेट के माध्यम से सूचनाओं का अत्यधिक विस्तार हुआ है। वर्ल्ड वाइड वेब के माध्यम से दुनिया में उपलब्ध कोई भी जानकारी किसी भी समय प्राप्त की जा सकती है। एक ही समय में दुनिया के दो अलग अलग स्थानों  पर वीडियो चैटिंग की जा सकती है। सोशल नेटवर्किंग साइट के जरिये लोग आपस में कनेक्ट रह सकते हैं।
  • e-commerce व्यवसाय में इजाफा हुआ है। वस्तुओं और सेवाओं की वेबसाइट के माध्यम से खरीद और बिक्री करना आसान हुआ है। बिक्री किये जाने वाले उत्पादों में कार से लेकर, ऑनलाइन चिकित्सा परामर्श तथा दूरस्थ शिक्षा के साथ-साथ, समाचार, श्रव्य एवं दृश्य डेटाबेस, सॉफ्टवेयर तथा सभी प्रकार की ज्ञान आधारित वस्तुएं आदि को e-commerce के अंतर्गत आती है।

इंटरनेट के उपयोग से हानियां

इंटरनेट की सबसे बड़ी समस्या यह है कि लोग अपना अधिकाधिक समय इंटरनेट पर, सोशल मीडिया एवं वर्चुअल दुनिया में ही गुजार रहे हैं और वास्तविक दुनिया और समाज से दूर होते जा रहे हैं। यह व्यक्ति के निजी जीवन और रिश्तों को भी प्रभावित कर रहा है। एवं समाज में अन्याय, मानसिक बीमारियों का प्रचलन बड़ा है।

वर्तमान में इंटरनेट कई प्रकार के वित्तीय अपराधों एवं व्यक्तिगत हमलों का माध्यम बन चूका है। इन अपराधों को साइबर क्राइम कहा जाता है। हैकिंग, फिशिंग, साइबर बुलिंग, आदि साइबर हमलों का उदाहरण हैं।

आर्थिक सहयोग और विकास संगठन(OECD) के अनुसार अपराधों की श्रेणी में गैरकानूनी, अनैतिक, एवं ऐसे कार्यों को शामिल किया जाता है। जिनके माध्यम से पूर्व अनुमति के बगैर डाटा का प्रसारण किया जाता है।

इंटरनेट क्या है (Internet kya hai)? इस विषय पर जानकारी आपको कैसी लगी आप हमे कमेंट करके बता सकते हैं। अगर इस विषय पर आपका कोई सवाल है तो कमेंट के माध्यम से हमसे संपर्क साध सकते हैं।

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