सरकार के द्वारा July 2017 से GST (Goods and Services Tax ) लागू किया गया। तब से हर महीने सरकार के द्वारा GST Collection किया जाता है। अभी तक सरकार का GST कलेक्शन उसके तय आकड़े के अनुसार नहीं रहा था। जिस कारण सरकार बार बार GST दरों में बदलाव कर रही रही थी। करदाताओं को छूट देकर प्रलोभन देने का प्रयास किया गया।
किन्तु अभी की जिस प्रकार से GST कलेक्शन की खबर आ रही है उसे अभी तक का अधिकतम कलेक्शन बताया जा रहा है। Dec महीने में 1.15 लाख करोड़ का GST collection हुआ था जो कि अभी तक किसी भी महीने से तुलना करने पर अधिकतम है।
इससे पहले अप्रैल 2019 में GST कलेक्शन 1.14 लाख करोड़ रहा था।
GST Collection का रूख
यह देश की इकॉनमी के लिए बड़ी रिकवरी है जिस प्रकार से अप्रैल-जून और जुलाई-सितम्बर की तिमाही में जीडीपी में संकुचन देखने को मिला, GDP आकड़े -7.5% पर पहुंच गए। सिर्फ चीन को छोड़कर सभी देशों के GDP के आकड़े बेहद ख़राब स्थिति में थे। और अभी भी दुनिया संकुचन के भवर में संघर्ष कर रही है। उस आधार पर GST कलेक्शन भारत की इकॉनमी के लिए मजबूत रिकवरी को सूचित करता है।
GST कलेक्शन
Central GST कलेक्शन- 21365 करोड़
State GST कलेक्शन- 27804 करोड़
Integrated GST कलेक्शन- 57426 करोड़ (आयत की गयी वस्तुओं पर कर के रूप में 27050 करोड़ और compensation cess के रूप में 8579 करोड़)
GST कलेक्शन में उछाल का कारण
कोरोना महामारी के चलते इकनोमिक गतिविधियां ठप पड़ गयीं थी। सम्पूर्ण देश में lockdown लगा दिया गया था। यह भी एक बड़ा कारण था कि पहले से ख़राब हालत को कोरोना महामारी ने और भी अधिक ख़राब कर दिया। किन्तु अब फिर से बाजार जैसे जैसे सामान्य स्थिति में आता जा रहा है। इकॉनमी फिर से रफ़्तार पकड़ रही है, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर भी वापस अपने रूप में आ रहा है और अभी खास फायदा त्यौहारों की वजह से भी रहा है। इन कारणों की वजह से भी GST कलेक्शन में उछाल आया है।
GST कलेक्शन के फायदे के लिए अगर श्रेय दिया जाना चाहिए तो उसमें सबसे बड़ा हिस्सा इम्पोर्ट का रहा है। अप्रैल से नवम्बर के महीने में इम्पोर्ट में 33.56% की गिरावट दर्ज की गयी थी। जो अब सुधरती हुई दिखाई दे रही है।
GST कलेक्शन बढ़ने का दूसरा कारण anti-evasion vigilance है इसमें होता यह है कि कंपनी अपने टैक्स को बचाने के लिए fake company बना देते हैं। invoice में धांधली कर देते हैं। fake GST रजिस्ट्रेशन किया जाता है। इन सब के कारण GST क्रेडिट को कंपनियों के द्वारा ले लिया जाता है। जिस कारण सरकार का GST कलेक्शन घट जाता है।
किन्तु सरकार के द्वारा पिछले कुछ समय से इन चीजों पर ध्यान दिया गया है और जो लोग इस प्रकार का काम करते हैं उनके खिलाफ कार्यवाही की गयी है। ऐसे ही मामलों से जुड़े 100 लोगों को पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किया गया है।
अक्टूबर और नवम्बर के महीने में 1.63 लाख GST रजिस्ट्रेशन को निरस्त किया गया है। खासकर उनको जिनके द्वारा पिछले 6 महीने में GSTR-3B रिटर्न्स को नहीं भरा गया।8
इन कारणों से GST रिटर्न्स भरने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है Dec 2019 में इनकी संख्या 81 lakh थी, वह Dec 2020 में 87 लाख हो गयी। यह कितना ज्यादा अधिक है या कितना अधिक और होना चाहिए था? यह एक अलग विषय है। लेकिन इजाफा तो देखा ही गया है। जो एक सार्थक सूचक है।
सरकार जिस प्रकार से काम करने का प्रयास कर रही है उसकी इच्छा शक्ति में तो कोई कमी दिखाई नहीं देती। लेकिन जो कदम सरकार के द्वारा उठाये जा रहे हैं वह शुरुआत से ही पूर्ण क्यों नहीं दिखाई देते। बार बार प्रयास करने के बाद, बदलावों, नए नियमों को लागू कर GST collection को सही, इतना लाया जा सका है। हाँ इस बात को भी झुटलाया नहीं जा सकता कि lockdown में छूट के बाद और कोरोना महामारी में सुधार के कारण भी कलेक्शन में वृद्धि हुई है।
किन्तु इन सब के बावजूद सरकार को अपने GST collection को बढ़ाये रखने के लिए सभी आयामों पर एक साथ ध्यान रखना होगा। GDP का नकारात्मक रूख प्रदर्शित करना, टैक्स रिटर्न्स कम होना, ख़राब स्थिति को और भी ख़राब कर देगा।