WHO के द्वारा कोरोना वायरस के डबल म्युटेंट(B.1 .617), जिसे इंडियन वेरिएंट भी बोला जा रहा है, को दुनिया के लिए चिंताजनक घोसित कर दिया है। WHO के द्वारा इसे Global Variant of concern की श्रेणी में रखा है. UK के द्वारा पहले ही इसे वैरिएंट अंडर इनवेस्टिगेशन(Variant under Investigation) घोसित कर दिया था।
WHO के द्वारा ऐसा करने के पीछे दुनिया को डबल म्युटेंट से सावधान करना है। इसे लेकर WHO की चिंता इस लिए भी है क्यों कि अभी तक 44 देशों में यह डबल म्युटेंट पाया गया है। इस वजह से दूसरे देशों के द्वारा भारत से आने वाली यात्री विमानों पर रोक लगा दी गयी है।
WHO कैसे तय करता है?
WHO के द्वारा म्युटेंट ‘Global Variant of concern’ तय करने के लिए एक पहले के कोरोना म्युटेंट से तुलनात्मक अध्ययन किया जाता है। जिसमें यह जानने का प्रयास होता है कि पुराना म्युटेंट कितनी तेज़ी से लोगों पर असर दाल रहा था और नया म्युटेंट किस तेज़ी से लोगों को प्रभावित कर रहा है।
WHO के द्वारा सबसे निचले पायदान पर ‘Variant of interest’ को रखा जाता है। इसके बाद ‘variant under investigation’ जिसमें म्युटेंट पर जाँच की जाती है। इसके बाद म्युटेंट ‘Variant of concern’ उसकी चिंताजनक संभावनाओं के आधार पर घोसित कर दिया जाता है।
Variant of concern घोषित करने की एक वजह यह भी हो सकती है यदि कोई म्युटेंट वैक्सीन के प्रभाव को ख़तम कर व्यक्ति पर प्रभाव डालता है। तो भी उसे Varient of concern घोषित कर दिया जाता है।
इसके अलावा WHO में एक CoV-2 Virus Evolution Working Group है। जिसे कोरोना के लिए बनाया गया है। यह ग्रुप कोरोना से सम्बंधित जानकारी इकट्ठी करता रहता है। अगर इसके द्वारा कह दिया जाता है तो भी WHO वायरस को ‘variant of Concern’ घोसित कर देता है।
सरकार और डॉक्टरों का अंदाजा है कि देश में अधिकांश मामले बढ़ने का मुख्य कारण यही डबल म्युटेंट है। UK के द्वारा भी यह जांच की जा रही की इस वैरिएंट पर कौन कौन सी वैक्सीन असरकारक है।