एक्सप्रेसवे क्या है(Expressway kya hai)?
किसी भी देश के विकास के लिए वहां के राजमार्गों का सबसे अधिक योगदान है। सड़क परिवहन के मामले में विश्व का दूसरा सबसे बड़ा नेटवर्क भारत में मौजूद है। दुनिया में सबसे व्यवस्थित सड़क नेटवर्क में अमेरिका का पहला स्थान है। परिवहन की व्यवस्थित व्यवस्था देश के सतत आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। देश की मौजूद परिवहन व्यवस्था में सड़क, रेल, जहाजरानी, हवाई परिवहन शामिल हैं।
आज के समय के परिवहन क्षेत्र ने अपने नेटवर्क और विकास में काफी प्रगति की है। इसमें हाईवे और एक्सप्रेसवे का निर्माण सड़क परिवहन क्षेत्र की प्रगति और आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा है। भारत में सड़क परिवहन के मामले में लगभग 65 % योगदान ट्रांसपोर्ट परिवहन का है जबकि 90% योगदान यात्री परिवहन का है।
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भारत में सड़क संरचना
नेशनल हाईवे-
सड़क संरचना में सबसे ऊपर नेशनल हाईवे उसके बाद स्टेट हाईवे और शहरी एवं ग्रामीण सडकों को शामिल किया जाता है। राष्ट्रीय राजमार्गों को देश के बुनियादी ढांचे की रीढ़ कहा जाता है। क्यों यह भारत के अधिकांश बड़े शहरों को जोड़ते हुए गुजरते हैं। नेशनल हाईवे सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अंतर्गत आता है। भारत का NH-44 (जम्मू कश्मीर से कन्याकुमारी) सबसे लम्बा नेशनल हाईवे है इसकी लम्बाई 3745 किलोमीटर है।
एक्सप्रेसवे-
यह उच्चतम श्रेणी की सड़कें होती हैं। जो तेज़ रफ़्तार और किसी खास कार्य के लिए बनाई जाती हैं। यह 6-8 लेन का कंट्रोल एक्सेस रोड नेटवर्क होता है। इन एक्सप्रेसवे पर आने के लिए किसी निर्देशित खास स्थान से ही प्रवेश और निकासी की जा सकती है। एक्सप्रेसवे पर अत्याधुनिक हाईवे ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लगे रहते हैं।
एक्सप्रेसवे को बनाने में चुनौतियां
भारत में परियोजना शुरू तो होती हैं किन्तु उन्हें पूरा करने में काफी समय लगता है या ऐसा भी होता कि परियोजना ही बंद कर दी गयी। इसके पीछे कई कारण हैं।
- पर्यावरणीय समस्याएँ- हाईवे या एक्सप्रेसवे को बनाने में एक लम्बी दुरी को तय करना होता है। ऐसे में रास्ते में आने वाले पेड़, वन सम्पदा को भी कभी कभी काटना पड़ता है साथ ही अगर एक्सप्रेसवे वन अभ्यारण्य क्षेत्र से होकर गुजरता है तो उसमें वाइल्ड लाइफ सेंसिटिव जोन का ध्यान रखना होता है ऐसे में कई बार पर्यावरण विभाग के द्वारा मंजूरी नहीं मिलती है।
- भूमि अधिग्रहण- एक्सप्रेसवे को लेकर भूमिअधिग्रहण करना सरकार और कंपनी के लिए एक बड़ी चुनौती होती है। भूमि के मुआवजे के चलते कार्य में देरी होती जाती है। मुआवजे को लेकर भूमि मालिक और सरकार के मध्य अक्सर सहमति नहीं बन पाती है।
- पुनर्वास- कई बार लोगों को अपनी जमीन छोड़कर अन्य जगहों पर बसना पड़ता है। एक्सप्रेसवे और हाईवे के चौड़ीकरण में लोगों के घरों को तोड़ना पड़ता है।
- राजनीतिक अड़चने- एक सरकार के बाद जब कोई नयी सरकार सत्ता में आती है तो वह पुरानी सरकार के कार्यों पर ध्यान नहीं देती। यदि अगर विपक्ष की भूमिका अधिक मजबूत स्थिति में है तो वह किसी सही कार्य को भी आसानी से पूरा नहीं होने देते हैं और कई बार सरकार अपने मनमाने तरीके से काम करती है।
लाभ
- एक्सप्रेसवे के साथ औद्योगिक शहरों का विकास होता है। ये जिन जगहों से गुजरते हैं। वे शहर विकास के लिहाज से कंपनियों कि नजर में प्राथमिक स्तर पर रहते हैं।
- एक्सप्रेसवे को बनाने में कुशल और अकुशल रोजगार का सृजन होता है।
- परिवहन के लिहाज़ से यातायात में आसानी होती है।
- आर्थिक विकास को गति देने में एक्सप्रेस वे का योगदान रहता है।
किसी देश के विकास के लिए उसकी सड़कों का बड़ा योगदान है। आर्थिक रूप से मजबूत होने के लिए व्यापार के लिए मुख्य भूमिका में यह एक्सप्रेसवे भी दिखाई देते हैं। इस आर्टिकल में एक्सप्रेसवे क्या है(expressway Kya hai)? इस विषय पर समझ को और बेहतर किया होगा।