Elon Musk की कंपनी टेस्ला, जो electric vehicles बनाने के लिए जानी जाती है, जल्द ही भारत में अपनी गाड़ियों को लांच करेगी। अभी तक जिस प्रकार से खबर है- tesla अपनी पहली यूनिट Bengaluru में स्थापित करेगी। टेस्ला कंपनी के मालिक space x के CEO Elon Musk आज दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक है। Bloomberg Billionaires Index के अनुसार Jeff Bezos(amazon के मालिक) को पीछे छोड़ Elon Musk अभी दुनिया पहले नंबर पर सबसे अमीर व्यक्ति हैं। इस इंडेक्स के अनुसार Elon Musk की कुल नेटवर्थ लगभग $195 Bn है।
अभी टेस्ला कंपनी में लोगों के रुझान के कारण ऐसा हो रहा है। इलेक्ट्रिक व्हीकल्स फ्यूचर को देखकर टेस्ला कंपनी के शेयर्स में बहुत तेज़ी से उछाल आया है। जिससे Elon Musk की आय में भी बढ़ोत्तरी हुई है। इसके इतर भारत में टेस्ला का इंतजार हो रहा है।
सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी के द्वारा यह बोला गया है कि 2021 में टेस्ला भारत में आएगी। यह बात नितिन गड़करी के द्वारा इंडियन एक्सप्रेस के इंटरव्यू में कही गयी।
Electric Vehicles का भविष्य
दुनिया को इस बात का अंदेशा है कि पेट्रोल और डीजल के बाद अगला युग इलेक्ट्रिक व्हीकल का होगा। अभी इलेक्ट्रिक गाड़ियां महँगी अवश्य है किन्तु भविष्य में टेक्नोलॉजी में बदलाव और नए परिवर्तनों से, धीरे धीरे इनके भी दामों में कमी आएगी।
इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए एनर्जी का मुख्य स्रोत बैटरी है। अभी lithium ion battery ऊर्जा के सबसे अच्छे स्रोत के रूप में है। लिथियम एक धातु है। जिसके भंडार चीन और बोलीविया, चिली, जापान जैसे देशों में है। भारत में लिथियम का कोई स्रोत नहीं है। इसका मतलब यह हुआ कि जहाँ लिथियम के भंडार होगें। उस जगह पर इलेक्ट्रिक मार्किट स्थापित होने की अधिक संभावनाएं होंगी। टेस्ला के द्वारा मैन्युफैक्चरिंग हब चीन में लगाया गया है। अभी टेस्ला की गाड़ियों को इम्पोर्ट किया जायेगा। और अगर सकारात्मक रुझान मिला तो फिर यहां प्लांट भी स्थापित किया जायेगा।
भारत अभी बैटरी की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए दूसरे देशों से करार कर रहा है।
भारत को अगले 5 साल में ऑटोमोबाइल सेक्टर का हब बनाने के प्रयास की बात नितिन गड़करी के द्वारा कही गयी है। टाटा और महिंद्रा ने अभी कुछ समय से बाजार पर पकड़ बनायीं है, टाटा की nexon और महिंद्रा की xuv 300 ने बाजार में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। मारुती ने हमेसा से भारत के बाजार को पकड़ कर रखा है। किन्तु अब भारतीय कंपनी भी सकारात्मक रुझान दिखा रही है। टाटा ने इलेक्ट्रिक कारों को बाजार में लाने के लिए तैयारी कर ली है, Nexon का इलेक्ट्रिक मॉडल बाजार में आ गया है और महिंद्रा भी जल्द ही इलेक्ट्रिक कार ला रही।
इलेक्ट्रिक व्हीकल से फायदे
दुनिया प्रदुषण से जूझ रहा है उसकी प्रकार से भारत भी, सबसे बड़ा फायदा तो यही है कि प्रदुषण से निजात मिलेगी। पेट्रोल और डीजल भारत जिसे बाहर से खरीदता है, सबसे अधिक ट्रेड डेफिसिट इसी कारण होता है। लोग जितनी जल्दी इलेक्ट्रिक व्हीकल को अपना लेंगे उतनी जल्दी सरकार को ट्रेड डेफिसिट कम करने में सहायता होगी।
इस कारण भी सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल पर बहुत सी स्कीम निकाल रही है। Electric Vehicles पर 1.5 लाख तक की सब्सिडी दे रही। टैक्स बहुत कम है। सबसे बड़ा फायदा यह है कि लोगों की जेब पर पड़ने वाला खर्चा बहुत कम होगा क्यों कि किसी भी पेट्रोल या डीज़ल गाड़ी के 1KM चलने पर 9 से 10 Rs का खर्चा आता है। किन्तु इलेक्ट्रिक व्हीकल में यही खर्चा 1 KM चलने पर मात्र 1 से 2 Rs हो जायेगा।
नुकसान किस जगह
चार्जिंग स्टेशन अभी भारत में बहुत कम है। इलेक्ट्रिक व्हीकल पर अभी लोगों का भरोसा पैदा नहीं हुआ। अभी कोई स्टेबल पालिसी नहीं है। देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए लम्बी प्लानिंग में कमी है। गाड़ियों की सर्विस करना अधिक मेहेंगा होगा। स्किल वर्कर अलग से लाये जायेगें।
अभी जो बाजार डीज़ल और पेट्रोल गाड़ियों के लिए बना हुआ है उसकी जगह इलेक्ट्रिक गाड़ियों के बाजार को खड़ा करना, मुश्किल काम है इसके लिए पूरी तैयारी करनी होगी।भारत को 2030 तक अपने कार्बन खपत को कम करना है उस हिसाब से सरकार के प्रयास है कि जल्द से जल्द इलेक्ट्रिक वाहनों को भारत में सफलता मिले। लोगों के बीच यह अपना भरोसा कायम कर पाए। Electric Vehicles के आने से नयी इनोवेशन, टेक्नोलॉजी देश में आएगी, जॉब्स पैदा होगीं।