education reform 2020 in India

education reform 2020

education reform 2020-

पहली शिक्षा नीति 1948-49में बनायीं गयी लेकिन वह लागू नहीं हो सकी फिर से सेकेंडरी एजुकेशन कमीशन 1952-53 ने अपनी सिफारिस की इसके बाद फिर से 1964-66 में एजुकेशन कमीशन का गठन किया गया। इसे कोठारी कमीशन के नाम से भी जानते है इसको Dr. D.S. Kothari की अध्यक्षता में बनाया गया और फाइनल तौर पर 1968 में पहली नेशनल एजुकेशन पालिसी बनी।

1976 में 42 वां संविधान संशोधन हुआ पहले एजुकेशन, राज्य सूचि में आती थी इसके बाद एजुकेशन को समवर्ती सूचि (concurrent list) में डाल दिया गया फिर 1986 में नेशनल पालिसी ऑफ़ एजुकेशन आयी इसे 1992 में थोड़ा बदला गया।

1986 के बाद कोई नेशनल पालिसी नहीं आयी. लगभग 34 साल के बाद नयी एजुकेशन पालिसी आयी है. इस पालिसी के लिए T.S.R. Subramaniam को चुना गया 27 मई 2016 को रिपोर्ट सौंपी गयी इसके बाद DR. K. Kasturiranjan की अध्यछता में रिपोर्ट दी 31 मई 2019 को, अभी जिस रिपोर्ट को अप्रूवल दिया है कैबिनेट के द्वारा, वह DR. K. Kasturiranjan के द्वारा तैयार ड्राफ्ट के आधार पर है।

national education policy 2020 क्या है

इसे हम पार्ट में अलग कर के समझते है

  • school education
  • higher education

school education

right to education 2009,यह 6 से 14 साल तक के बच्चो के लिए impulsive education provide करता है लेकिन इस कड़ी में 3 से 6 साल तक के बच्चे रह जाते है जो अपने बच्चो को प्ले स्कूल में पड़ा सकते है वह उन्हे भेज देते है किन्तु गरीब बच्चे नहीं जा पाते।  ICDS में बच्चे पड़ते तो है पर उन्हें वह एजुकेशन नहीं मिलती है. जो क्वालिटी ऑफ़ एजुकेशन होनी चाहिए.

new acadmic system (5+3+3+4)

5=इसका मतलब शुरुआत के 5 साल एजुकेशन पर(foundation age)

  • शुरू  के (3-6) age तक आंगनवाड़ी, प्रीस्कूल, बालवाटिका में एजुकेशन दी जाएगी
  • (6-8)age तक बच्चा पहली और दूसरी क्लास में ही होता है

3= pre paratory stage(प्रारंभिक चरण) class (3-5), age (8-11)

play, discovery and activity based and interaction classroom learning दी जाएगी

3=middle stage (मध्यम चरण) class 6 to 8 , age 11 to 14

experiential learning in science, mathematics, art , social science and humanities जैसे सब्जेक्ट्स होंगे

4= class 9 to 12 , age 14 to 18 

multidisciplinary study, greater critical thinking , flexibility and student choice of subject पर ध्यान दिया जायेगा

meaning of education reform

इस प्रकार से एक नया एजुकेशन स्ट्रक्चर होगा इसमें अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन को भी स्कूल एजुकेशन का भाग माना जायेगा। इसलिए अलग से पाठ्यक्रम भी बनाया जायेगा foundation age के लिए, क्लास 1 से पहले एक प्रारंभिक क्लास होगी जिसे बाल वाटिका कहा जायेगा इसमें बच्चो को आगे की क्लास के लिए तैयार किया जायेगा। आंगनवाड़ी की स्थिति में सुधार किया जायेगा प्ले स्कूल वाली फैसिलिटीज दी जाएगी ताकि बच्चे पज़ल, गेम्स के जरिये सीख सके।

ECCE(early childhood care and education) को लागू किया जा सके  ministry of HRD(new name- education ministry)+women and child development ministry +ministry of health and family welfare + tribal affairs ministry ये सभी मिल कर ECCE के प्रोविसन को लागू करेंगी स्टेट और UT प्रोग्रेस कार्ड को रि डिजाइन करेंगे जिससे होलिस्टिक प्रोग्रेस का पता चल सके, सोसाइटी की भागीदारी तय होगी, पैरेंट का रोल,NGO, groupwork, peer tutoring , teacher assessment आदि का रोल बढ़ाया जायेगा .

(3-8) class के बच्चो के लिए NCERT पाठ्यक्रम तय करेगी अध्यापको को यह भी बताया जायेगा की कैसे पढ़ाया जाये टीचर्स को पढ़ाने की आजादी दी जाएगी। डिजिटल लाइब्रेरी का सहयोग लिया जायेगा स्कूल में रिफार्म लाये जायेंगे कोर टॉपिक पर फोकस होगा। क्रिटिकल थिंकिंग प्रमोट की जाएगी। एक्सपेरिमेंटल लर्निंग को बढ़ाया जायेगा। आंगनवाड़ी में मील्स पर भी ध्यान दिया जायेगा volunteering education को बढ़ावा दिया जायेगा।

भाषा का रोल

5 तक लोकल भाषामें सिखाया जायेगा उसके बाद 8th तक फन प्रोजेक्ट होगा क्लासिकल भाषा को भी चुना जा सकेगा।
क्लासिकल भाषा -संस्कृत , उड़िया , तेलुगु , कन्नड़,तमिल, मलियालम। सांकेतिक भाषा को स्टेट और नेशनल करिकुलम बनाया जायेगा  9-12 class के लिए विदेशी भाषाओ को ऑफर किया जायेगा .

assessment reform(मूल्यांकन सुधार)

अभी रट्टा मार अधिक है पास होने के लिए पड़ा जाता है क्लास 3,5,8के एग्जाम स्कूल के द्वारा होंगे 10,12 के बोर्ड के द्वारा होंगे
बोर्ड एग्जाम के लिए साल में दो बार मौका दिया जायेगा इम्प्रूवमेंट के लिए भी मौका दिया जायेगा. critical thinking को बढ़ाने का प्रयास किया जायेगा PARAKH(performance assessment review and analysis of knowledge holistic development) स्टैंडर्ड इसी के द्वारा सेट किये जायेंगे एग्जाम और बोर्ड एग्जाम इसके कहने पर होंगे।

robust teacher recruitment and career path (मजबूत शिक्षक भर्ती और कैरियर मार्ग)

अध्यापक चयन में सुधर किया जायेगा बी.एड 4 साल की होगी ऐसे में स्नातक की डिग्री मिल जाएगी।

अगर कोई किसी सब्जेक्ट से ग्रेजुएशन किया हुआ है तो उसे 2 साल की बी.एड करनी होगी अगर कोई मास्टर डिग्री कर रखा है तो उसे 1 साल का बी.एड डिप्लोमा करना होगा. ऐसा 2030 तक करना होगा अगर कॉलेज खुद में सुधार नहीं करता तो उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जायेगा। टीचर के द्वारा अच्छा करने पर उसके करियर ग्रोथ पर भी ध्यान दिया जायेगा।

इस पालिसी में फोकस किया गया है की कोई भी क्वालिटी एजुकेशन से वंचित नहीं रहना चाहिए , लड़िकियो की पढ़ाई पर फोकस होगा, पिछड़े इलाके में भी एजुकेशन पर ध्यान होगा स्कालरशिप पर ध्यान दिया जायेगा प्राइवेट संस्थानों को प्रोत्शाहित किया जायेगा की वह स्कॉलशिप प्रोगाम निकाले। अलग से एक फण्ड भी बनाया जायेगा।

higher education

multi-disciplinary  approach  in higher education (उच्च शिक्षा में बहु-विषयक दृष्टिकोण) होना चाहिए .अगर कोई व्यक्ति इंजीनियरिंग कर रहा है और वह उसके साथ कुछ और भी पड़ना चाहता है तो एजुकेशन को इवॉल्व कर के मल्टी डिसिप्लिनरी एजुकेशन में लेके आना है किसी भी स्टूडेंट को सभी चीजों में थोड़ा बहुत ज्ञान होना चाहिए . broad -base, flexible learning की और एजुकेशन को मोड़ना है। सरकार 2030 तक multidisciplinary higher education institute कम से कम हर डिस्ट्रिक्ट में एक तो जरूर खोलना चाहती है.

UGC, AICTE, NCTE इन सब को शामिल करके एक सिंगल बॉडी बनाई जाएगी higher education commission of india (HECI). लेकिन इससे लीगल और मेडिकल एजुकेशन को अलग रखा जायेगा डिग्री या ग्रेजुएट्स के लिए multiple exit options दिया जायेगा अगर एक साल के बाद स्टूडेंट ड्राप आउट करना चाहता है तो उसे certificate in discipline दिया जायेगा

अगर आप दूसरी साल में ड्रॉपआउट हो जाते हो तो आपको डिप्लोमा दिया जायेगा अगर तीन साल में निकलते है तो आपको बैचलर डिग्री मिल जाएगी लेकिन सरकार चाहती है की four year multidisciplinary course होना चाहिए पूरा। जिससे आखरी साल में ज्यादा से ज्यादा रिसर्च को प्रमोट किया जा सके।

academic bank of credit

इसमें आपके आंकड़े डिजिटली स्टोर किये जायेंगे अगर किसी ने थोड़ा भी पड़ा है तो उसका क्रेडिट यहाँ नोट होगा और वह जब भी फिर से पढ़ाई स्टार्ट करता है तो उसका क्रेडिट सुरु हो जायेगा अगर किसी की पढ़ाई ब्रेक होती तो आप फिर से कंटिन्यू कर पाएंगे.और यह education reform 2020 को मजबूत करेगा सरकार एजुकेशन रिफार्म को कैसे लागु करती है इस बात पर बहुत कुछ निर्भर करेगा।

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