हिज़ाब विवाद धार्मिक स्वतंत्रता(Dharmik Swatantrata) में शामिल?

कर्नाटक में स्कूल की छात्राओं को हिज़ाब पहनकर स्कूल आने से रोके जाने पर नया विवाद उभर कर सामने आया है। इस विवाद में हिज़ाब के विरोध में हिन्दू विद्यार्थियों ने भगवा गमछा पहन कर विरोध किया। कॉलेज प्रशासन का कहना है कि ऐसा बाहरी लोगों के द्वारा किया गया। इस विवाद को लेकर सोशल मीडिया पर भी एक वीडियो बहुत वाइरल हुई जिसमें एक लड़की हिज़ाब पहने हुए कॉलेज कैंपस में आ रही होती है जिसके पीछे भगवा गमछा डाले हुए बहुत से विद्यार्थी जय श्री राम के नारे लगाते हुए कॉलेज के गेट से अंदर चले आ रहे होते हैं। इस परिस्थित में लड़की के द्वारा भी ऊँची आवाज में भीड़ के विरोध में नारे लगाए जाते हैं। कॉलेज जैसी जगह पर विद्यार्थियों द्वारा हिन्दू-मुस्लिम और द्वेष जैसी भावना पैदा होना समाज के लिए नकारात्मक है। अभी इस मामले को कर्नाटक हाई कोर्ट की बड़ी खंडपीठ को सौंप दिया गया है। हिज़ाब विवाद धार्मिक स्वतंत्रता(Dharmik Swatantrata) का मुद्दा होने के कारण सरकार के लिए भी एक बड़ी चुनौती है। हालाँकि

इस पूरे मामले को नियंत्रित करने के लिए कर्नाटक राज्य सरकार के द्वारा जो कदम उठाया गया। वह अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है। कर्नाटक शिक्षा अधिनियम 1983 के आधार पर कर्नाटक सरकार के द्वारा कुछ आदेश जारी किये गए।

  • कक्षा में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध धर्म के मानने के अधिकार का उल्लंघन नहीं है। सरकार के द्वारा यह भी कहा गया कि समानता, अखंडता, और लोक व्यवस्था को बिगाड़ने की स्थिति में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध जायज है, इसमें किसी भी प्रकार के धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन नहीं होता है। संस्थानों और विद्यार्थियों को कॉलेज विकास बोर्ड द्वारा निर्धारित ड्रेस कोड को अपनाना चाहिए।

धार्मिक स्वतंत्रता(Dharmik Swatantrata)

भारतीय संविधान के अनुसार यह साफ रूप से स्पष्ट है कि कोई भी कानून मूल अधिकारों का उल्लंघन नहीं कर सकता और याचिकाकर्ताओं के अनुसार आर्टिकल 14 और आर्टिकल 25 के तहत हिजाब पहनना व्यक्ति की धार्मिक स्वतंत्रता(Dharmik Swatantrata) का विषय है जो कि व्यक्ति का मूल अधिकार है। किन्तु आर्टिकल 25 में धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार में यह भी कहा गया है कि राज्य धार्मिक स्वतंत्रता के अंतर्गत लोकव्यवस्था, सदाचार और स्वास्थ्य के आधार पर युक्ति-युक्त प्रतिबंध लगा सकता है। इस आर्टिकल के तहत व्यक्ति द्वारा धर्म को अबाध रूप से मानने, आचरण करने और प्रचार करने की स्वतंत्रता प्रदान करता है। 

इस विषय पर कर्नाटक सरकार ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि यह घटना लोक व्यवस्था को ख़राब कर सकती है इस लिहाज से इस पर पाबंदी लगाना उचित कदम है।

याचिका कर्ताओं का तर्क

याचिकाकर्ताओं का मानना है कि आर्टिकल 14, एवं 25 के तहत मिले हुए अधिकार का सम्मान होना चाहिए। इन दोनों के साथ आर्टिकल 19 1(क) में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार जो दिया गया है उसे भी नहीं छिना जाना चाहिए।

अनिवार्य धार्मिक प्रथा पर सर्वोच्च न्यायालय की व्याख्या:

अनिवार्य धार्मिक प्रथा के मामले पर सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा एक व्याख्या दी गयी है। सर्वोच्च न्यायालय का कहना है कि जो भी धार्मिक मान्यताएं हैं और धार्मिक मान्यताओं का पालन करने के लिए जो भी गतिविधियाँ अपनायी जाती हैं। उन्हें धार्मिक प्रथा के अंतर्गत रखा जायेगा। इसमें पूजा करने के तरीके को, रीति रिवाज एवं धार्मिक उत्सव धार्मिक प्रथा के अंतर्गत ही आएंगे। सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी कहा है कि इन सभी मामलों में आर्टिकल 25 और 26 का उल्लंघन नहीं होना चाहिए।

सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा कहा जाता है कि जो भी लोग आर्टिकल 25 और 26 का हवाला दे रहे हैं उनकी बात को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए।

हिज़ाब के विषय पर दुनिया के अन्य देशों के द्वारा भी प्रतिक्रियाएं दी जा रही हैं। Malala Yousafzai के द्वारा भी इस विषय पर tweet किया गया। कई बार तो फ़्रांस जैसे देश से इस विषय पर तुलना कर दी जाती है। लेकिन किसी विषय पर पहुंचने से पहले इस विषय को गहराई से देखना जरुरी है। भारत में यह विषय अचानक से चुनाव के समय उभर आना जब देश के कई राज्यों में चुनाव हो यह एक स्वभाविक बात है। अभी यह मामला न्यायालय के समक्ष है एवं निर्णय के बाद ही कुछ स्पष्ट होना संभव होगा। धार्मिक स्वतंत्रता(Dharmik Swatantrata) का मामला एक जटिल विषय है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

creamy layer in hindi
Politics

क्रीमी लेयर क्या है? OBC आरक्षण का क्रीमी लेयर से सम्बन्ध(creamy layer in hindi)

उच्चतम न्यायालय ने हरियाणा सरकार के परिपेक्ष में क्रीमी लेयर(creamy layer in hindi) के सम्बन्ध में निर्णय दिया। जिसमें उच्चतम न्यायालय ने कहा कि क्रीमी लेयर के लिए आधार केवल आर्थिक आधार नहीं होना चाहिए। हरियाणा सरकार के द्वारा सन 2016, 2018 दो अधिसूचनाएं जारी की। जिसके अनुसार जिन व्यक्तियों की सालाना आय 3L से […]

Read More
Obc Reservation in hindi
Politics

OBC आरक्षण(Obc Reservation in hindi) पर दोनों सदनों से पास हुआ बिल

OBC आरक्षण(Obc Reservation in hindi) को मंडल कमीशन के द्वारा लाया गया। तो उसे इंद्रासाहनी VS यूनियन ऑफ़ इंडिया केस में चुनौती दी गयी। यहां पर बोला गया कि मंडल कमीशन के द्वारा 27% कोटा OBC के लिए सरकारी जॉब और उच्च शिक्षा के लिए दिए जा सकते हैं। ये सामाजिक और शैक्षिक रूप से […]

Read More
article 21 in hindi
Politics

अनुच्छेद 21(Article 21 in Hindi)- जीवन का अधिकार

मूल अधिकारों का भाग अनुच्छेद 21(Article 21 in Hindi) से तात्पर्य जीवन के अधिकार से है। जिसे अन्य शब्दों में प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षक कहा जाता है। भारतीय संविधान के आर्टिकल 21 में यह कहा गया है कि किसी व्यक्ति को उसके जीवन जीने के अधिकार से विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार […]

Read More