क्रीमी लेयर क्या है? OBC आरक्षण का क्रीमी लेयर से सम्बन्ध(creamy layer in hindi)

उच्चतम न्यायालय ने हरियाणा सरकार के परिपेक्ष में क्रीमी लेयर(creamy layer in hindi) के सम्बन्ध में निर्णय दिया। जिसमें उच्चतम न्यायालय ने कहा कि क्रीमी लेयर के लिए आधार केवल आर्थिक आधार नहीं होना चाहिए।

हरियाणा सरकार के द्वारा सन 2016, 2018 दो अधिसूचनाएं जारी की। जिसके अनुसार जिन व्यक्तियों की सालाना आय 3L से कम हैं। ऐसे लोगों के बच्चों को सरकारी सेवाओं में एवं शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण दिया जायेगा।  जबकि 3 लाख से 6 लाख तक की वार्षिक आय वाले लोगों के बच्चों को सरकारी सेवाओं में एवं शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण देने की बात कही गयी।

उच्चतम न्यायालय का नवीनतम निर्णय(creamy layer in hindi)

हरियाणा सरकार की इन दो अधिसूचनाओं पर कोर्ट के द्वारा अपने फैसले में कहा गया कि OBC वर्ग के आरक्षण का केवल आर्थिक आधार मान्य नहीं हो सकता।

इसके लिए उच्चतम न्यायालय ने क्रीमी लेयर की व्याख्या को देते हुए इंदिरा साहनी बनाम भारत संघ वाद 1992 को दोहराया। जिसके अनुसार-

  • पिछड़े वर्ग का सामाजिक तौर पर ऊँचे कद का कोई भी व्यक्ति
  • या कोई ऐसा व्यक्ति जो सरकारी सेवाओं में उच्च पद पर हो
  • या कोई व्यक्ति ऐसे रोजगार में हो जिसके जरिये वह दूसरों को रोजगार दे रहा हो

ऐसे लोगों को क्रीमी लेयर में रखा जायेगा। साथ में यही भी कहा गया कि जिन किसानों के पास कृषि जोत अधिक मात्रा में है उन्हें भी क्रीमी लेयर के अंतर्गत लाने के लिए मानक तय होने चाहिए।

इंदिरा साहनी बनाम भारत संघ वाद 1992 में उच्चतम न्यायालय के द्वारा कहा गया कि OBC वर्ग के क्रीमी लेयर को आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा।

क्रीमी लेयर का विचार(creamy layer in hindi)

13 अगस्त 1990 को भारत सरकार के द्वारा OBC के लिए 27% आरक्षण की बात सामने रखी। जिसके तहत सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग के लोगों को आरक्षण का लाभ दिया जायेगा। इसके लिए मंडल कमीशन 1979 की सिफारिशों को आधार बनाया गया।

किन्तु इंद्रा साहनी बनाम भारत संघ मामले में उच्चतम न्यायालय में इस निर्णय को चुनौती दी गयी। जिसमें उच्चतम न्यायालय द्वारा कहा गया कि OBC वर्ग को आरक्षण दिया जाना चाहिए किन्तु इस आरक्षण में क्रीमी लेयर को शामिल नहीं किया जाये।

आर ऐन प्रसाद समिति

क्रीमी लेयर के विचार को समझने के लिए सरकार के द्वारा इस समिति का गठन किया गया।

8 सितम्बर 1993 सरकार के द्वारा एक अधिसूचना जारी की गयी। जिसके आधार पर निश्चित पद/ आय/ दर्जा से जुड़े हुए लोगों के लिए विभिन्न श्रेणियों में लिस्ट तैयारकी जाएगी। इस लिस्ट के आधार पर ही यह तय किया जायेगा कि किस व्यक्ति को क्रीमी लेयर में शामिल किया जायेगा और किस व्यक्ति को क्रीमी लेयर से बाहर रखा जायेगा।

इसके लिए व्यक्ति की आय के लिए यह देखा गया कि यदि कोई व्यक्ति सरकारी सेवा में नहीं है तो उसके लिए आय को ही आधार बनाया जाना चाहिए, यदि कोई व्यक्ति सरकारी सेवा में है तो उसकी रैंक और पद को भी महत्व देना चाहिए।

अभी की स्थिति

यदि किसी व्यक्ति की OBC वर्ग में 8 लाख आय है तो 8 लाख तक की आय वाले व्यक्ति को क्रीमी लेयर के अनुसार आरक्षण का लाभ मिलेगा। किन्तु यदि व्यक्ति की आय 8 लाख से अधिक है तो उसे क्रीमी लेयर से इतर रखा जाता है और उसके बच्चों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलता। यह प्रावधान मुख्यतः उनके लिए मान्य है जो सरकारी सेवा में नहीं हैं।

24 अक्टूबर 2004 को सरकार के द्वारा यह साफ़ किया गया कि किसी व्यक्ति के वेतन व कृषि आय की गणना नहीं की जाएगी।

संसदीय समिति का सरकार को सुझाव(creamy layer in hindi)

क्रीमी लेयर में 8 लाख का सुझाव 2017 से लागू है किन्तु OBC कल्याण से जुड़ी संसदीय समिति ने इसे 15 लाख की आय के अनुसार क्रीमी लेयर को तय करने की बात कही है। जबकि सरकार का पक्ष है कि 15 लाख की जगह 12 लाख की सीमा को ही मान्य किया जाये।

सरकार का यह भी मत है कि सरकारी सेवाओं में शामिल या संवैधानिक पद पर स्थित व्यक्ति अथवा ग्रुप A अथवा ग्रुप B सेवा में शामिल व्यक्ति को आरक्षण का लाभ न दिया जाये।

क्रीमी लेयर पर सरकार का मत(creamy layer in hindi)

क्रीमी लेयर के विषय में बहुत से जानकार व्यक्तियों द्वारा इसके पुननिर्धारण करने की बात कही जाती है और यह भी बात सामने आती है कि OBC वर्ग के अलावा ST/SC वर्ग में भी क्रीमी लेयर का प्रावधान किया जाना चाहिए।

जबकि सरकार का मत है कि क्रीमी लेयर में कृषि को छोड़कर हर प्रकार की आय को शामिल किया जाना चाहिए।

इंदिरा साहनी बनाम भारत संघ मामले में 9 जजों की पीठ द्वारा इस विषय पर फैसला दिया गया। इतनी बड़ी बैंच द्वारा दिया गया यह एक ऐतिहासिक फैसला है। अधिकांशतः उच्चतम न्यायालय के उसके बाद के निर्णयों में इसी केस का हवाला दिया जाता है। सरकार को इस निर्णय को ध्यान में रखते हुए क्रीमी लेयर की जटिलताओं को सुलझाना चाहिए। तथा इसकी परिभाषा में आवश्यक बदलाव भी किये जाने चाहिए। ताकि क्रीमी लेयर(creamy layer in hindi) पर विचारों को स्पष्ट किया जा सके।

 

 

 

 

 

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

dharmik swatantrata
Politics

हिज़ाब विवाद धार्मिक स्वतंत्रता(Dharmik Swatantrata) में शामिल?

कर्नाटक में स्कूल की छात्राओं को हिज़ाब पहनकर स्कूल आने से रोके जाने पर नया विवाद उभर कर सामने आया है। इस विवाद में हिज़ाब के विरोध में हिन्दू विद्यार्थियों ने भगवा गमछा पहन कर विरोध किया। कॉलेज प्रशासन का कहना है कि ऐसा बाहरी लोगों के द्वारा किया गया। इस विवाद को लेकर सोशल […]

Read More
Obc Reservation in hindi
Politics

OBC आरक्षण(Obc Reservation in hindi) पर दोनों सदनों से पास हुआ बिल

OBC आरक्षण(Obc Reservation in hindi) को मंडल कमीशन के द्वारा लाया गया। तो उसे इंद्रासाहनी VS यूनियन ऑफ़ इंडिया केस में चुनौती दी गयी। यहां पर बोला गया कि मंडल कमीशन के द्वारा 27% कोटा OBC के लिए सरकारी जॉब और उच्च शिक्षा के लिए दिए जा सकते हैं। ये सामाजिक और शैक्षिक रूप से […]

Read More
article 21 in hindi
Politics

अनुच्छेद 21(Article 21 in Hindi)- जीवन का अधिकार

मूल अधिकारों का भाग अनुच्छेद 21(Article 21 in Hindi) से तात्पर्य जीवन के अधिकार से है। जिसे अन्य शब्दों में प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षक कहा जाता है। भारतीय संविधान के आर्टिकल 21 में यह कहा गया है कि किसी व्यक्ति को उसके जीवन जीने के अधिकार से विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार […]

Read More