coronavirus vaccine: nCoV,कोरोना वायरस परिवार का सदस्य है 2019 में WHO के द्वारा इसे यह नाम दिया गया जिसका नाम बदल कर अब “severe acute respiratory syndrome cornonavirus 2 (SARS-CoV-2) कर दिया है.
आम भाषा में इसके द्वारा होने वाली बीमारी कोरोना है जिसे हम covid-19 के तोर पर जानते है चीन के वुहान शहर में इसका पहला मामला देखा गया था जो अब पूरी दुनिया में फैल चूका है।
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Biology के आधार पर coronavirus
यह एक RNA-virus है जो उत्परिवर्तित(mutate) और पुनर्संयोजित(recombine) होकर नए उपभेदों(strains)को उत्पन्न करने में सक्षम है इसकी विशिष्ट संरचना के कारण इसे यह नाम दिया गया है. इलेक्ट्रान सूक्ष्मदर्शी(electron microscope) की सहायता से देखे जाने पर इसकी मुकुट(crown) या सौर कोरोना(solar corona) जैसी संरचना दिखाई देती है कोरोना वायरस का संक्रमण आम बात है. जैसे बहती नाक, खांसी।
यह कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन है जिसे मनुस्यो में पहली बार देखा गया है। यह बुखार के साथ शुरू होता है इसके बाद सूखी खांसी होती है और फिर १ हफ्ते बाद साँस लेने में तकलीफ होना सुरु हो जाती है। मामला गंभीर होने पर संक्रमण से निमोनिया, SARS , गुर्दे की विफलता से मृत्यु हो जाती है।
विभिन्न देशों की तैयारी
कोरोना के केस बढ़ने पर सभी देशो ने कदम उठाये है वुहान में lockdown होने के बाद बाकि देशो ने भी lockdown का सहारा लिया लेकिन ये सभी देशो के लिए लम्बे समय तक लगाए रखना असंभव था कोरोना का प्रभाव हर किसी पर हुआ है।
इससे सबसे अधिक प्रभाव मजदूरों पर पड़ा। गरीब लोगो और मजदूरों का पलायन इतनी बड़ी मात्रा में पहले कभी नहीं देखा गया था लेकिन अब जब देश समझ चुके है कि lockdown व्यावहारिक नहीं है तो इसे हटाने की प्रक्रिया में केस भी बढ़ने लगे है और यह बढ़ने की रफ़्तार बहुत तेज़ है।
कोरोना का अभी तक कोई उपचार प्रमाणित नहीं हुआ है लक्षण के आधार पर ही इलाज किया जा रहा है लेकिन अब डॉक्टरों की समझ और कोरोना के विषय में जानकारी बड़ी है जिसका फायदा इलाज में मिल रहा है, हर देश की अपनी अलग स्थिति है सरकारे भी ध्यान दे रही हैं कि लोग अपनी इम्युनिटी पर ध्यान दे, मास्क का प्रयोग करे,हाथो को धोये।
बचाव को प्राथमिकता पर रखा गया है क्यों कि दुनिया में विभिन्न संस्थानों में ट्रायल चल रहे है। प्रयोग अब लोगो पर हो रहा है।
corona का वैश्विक प्रभाव
कोरोना ने विश्व इकॉनमी को धीमा कर दिया है ऐसा कोई डिपार्टमेंट नहीं है जिस पर कोरोना का प्रभाव नहीं पड़ा हो।
सबसे अधिक नुकसान टूरिस्ट इंडस्ट्री , इलेक्टॉनिक्स इंडस्ट्री, एविएशन सेक्टर, फार्मा कंपनीज को हुआ है. इकॉनमी पर आज के समय दोहरा असर पड़ रहा है क्यों की पहले तो अमेरिका और चीन का ट्रेड वॉर फिर उसके बाद कोरोना ,पर्यटन आज सभी देशो में बंद ही है। इंटरनेशनल फ्लाइट्स बंद है सरकारों का पूरा ध्यान कोरोना को काबू करने पर है जो होता तो नहीं दिख रहा।
इकॉनमी पर दुनिया में बादशाहत चीन ने हासिल कर रखी है वह अपने सस्ते प्रोडक्ट्स से पूरी दुनिया पर कब्ज़ा जमाये हुए है दुनिया का १३% मार्किट चीन ने कैप्चर कर रखा है
मूडीज के अनुसार वैश्विक इकॉनमी की विकास दर कोरोना की वजह से इस साल 0.4% रहेगी. चाइना दुनिया में बहुत बड़ा आयातक और निर्यातक है हैवी इंजीनियरिंग से लेकर केमिकल इंडस्ट्री तक और ऐसे कई चेमिकल्स है जो सिर्फ चाइना में ही मिलते है अब जबकि ज्यादातर चीजे खोल दी गयी है स्कूल और कॉलेज पूरी दुनिया में बंद रखे गए है।
coronavirus india
जिस तरह के हालत दुनिया में है वही हालत अब भारत में हैं। डेली केस लगभग 50000 के करीब मिल रहे है। ये आंकड़े भी कुछ दिन में पुराने हो जायेंगे और अपना देश जल्द ही अमेरिका कि बराबरी कर लेगा। देश में अब सब कुछ खुला हुआ है तो cases का बढ़ाना स्वाभाविक ही है और वैसे भी यह जंग इलाज आने के बाद भी कितना चलेगी ये अभी मालूम नहीं। देश अभी coronavirus memes से ही टाइम पास कर रहा है.
अपने देश का ज्यादातर व्यापर china से होता है जो अभी बेहद कम हो गया है बाजार में वस्तुओ की कमी हो रही है अभी कंपनी कारख़ाने पूरी तरह खुले नहीं है कामगार लोग शहर से पलायन कर चुके है, बेरोजगारी दर और भी अधिक हो रही है। भारत सहित दुनिया को कोरोना ख़त्म होने के बाद के लिए भी अभी से तैयार रहना होगा।
coronavirus vaccine
दुनिया में रिसर्च तेज़ी से हो रही है यूरोप में हर्ड इम्मुनिरी (herd immunity)का कॉन्सेप्ट चल रहा है ऐसा सामने आया है कि कोरोना का प्रभाव बुजुर्ग लोगो पर अधिक हुआ है और मरने वालो की संख्या भी अधिक रही है इसे (cytokine storm) से जोड़कर देखा गया है।
दुनिया के विभिन्न स्थानों पर ट्रायल चल रहे है लेकिन अमेरिका के सीएटल सिटी में महिला पर पहला ट्रायल किया गया है इसका मतलब यह हुआ की ह्यूमन ट्रायल होना सुरु हो गए है oxford university के researcher के द्वारा 1st covid madicine बनाने की बात कही गयी है जिसका नाम Dexonal 0.5 है। dexamethasone उपलब्ध ड्रग है इस दवा के द्वारा क्रिटिकल कंडीशन में 25 में से 1 मरीज को बचाया जा सकता है जो काफी कम तो है लेकिन उम्मीद तो है।
भारत में ग्लेनमार्क फार्मासूटिकल कंपनी को रेगुलेटरी अप्रूवल मिल चूका है fevipiravir को मार्किट के लिए, दुकानों में यह दवा fabi flu नाम से बेचीं जाएगी और सिर्फ डॉक्टर और आपकी सहमति से ही यह दवा ली जा सकती है यह दवा कोई वैक्सीन नहीं है केवल शुरुआती उपचार में उपयोग में लायी जा सकती है
भारत में CDSCO (central drugs standard control organisation)देख रेख करता है. हालाँकि मार्किट में कई दवा कम्पनीज के द्वारा दवा लाये जाने के प्रयास है किन्तु ये दवा आम लोगो के लिए खरीद पाना मुश्किल है जैसे heparin।
दवाओं की खरीद में सबसे बड़ी मुश्किल पेटेंट की आती है पेटेंट होने पर दवा मेहेंगी हो जाती है जिस पर आम लोग की पहुंच नहीं होती और अभी कम्युनिटी ट्रांसमिशन से ऐसी दवा का आना जरुरी है जिसे लोग खरीद सके। डेक्सामेथासोन(dexamethasone) पर कोई पेटेंट नहीं है और वेंटिलेटर पर भी इस दवा के सकारात्मक परिणाम मिले है
क्या और किया जा सकता है?
अगर दवा बन कर आती है तो उसे लोगो तक पहुंचने में देरी न हो इसके लिए पहले से ही तैयारी करनी चाहिए देशो के द्वारा जो भी कदम उठाये गए है रिसर्च पर और देखरेख पर , वही पहली प्राथमिकता होनी चाहिए एक लम्बी तैयारी और प्लान सभी के पास होना चाहिए।