इंटरनेट की दुनिया में AI का बदलता हुआ स्वरूप किसी न किसी रूप में लोगों की जिंदगियों में प्रवेश कर रहा है। इसी के चलते Chat Gpt vs Google Bard के बीच की जंग दोनों को होड़ में आगे रहने के लिए हो गयी है। तकनीक का यह विकास बहुत तेज़ी से नए Artificial तकनीक से युक्त सॉफ्टवेयर, वेबसाइट, एप्लीकेशन और मशीनों को जन्म दे रहा है। Chat Gpt इसी का परिणाम है, हालाँकि बाजार में बहुत से AI टूल्स उपस्थित हैं, जिनके विभिन्न क्षेत्रों में कुछ खास कार्य को करने के लिए बनाया गया है। जैसे AI युक्त फोटो, वीडियो, कोडिंग जैसे जटिल कार्यों को आसानी से कर सकते हैं।
इंटरनेट पर AI की होड़ ने Google को भी अपने AI टूल्स लाने के लिए मजबूर कर दिया है और इसी के चलते Google Bard AI को गूगल की तरफ से लांच किया गया है। यह एक प्रकार की जंग है जो की AI vs AI के बीच लगी हुई है। जिसे हर कोई अपने फायदे के लिए तैयार करने में लगा हुआ है। Gmail के फाउंडर Paul Buchheit के द्वारा यह कहा गया की यदि गूगल chat Gpt की तरह मार्किट में किसी टूल्स को नहीं लाता है तो गूगल को खत्म होने में 2 साल से ज्यादा का समय नहीं लगेगा।
गूगल जो दुनिया का 90% मार्किट को होल्ड करता है जिस पर प्रति सेकंड 99000 सर्च किये जाते हैं। क्या chat Gpt उसके लिए एक ग्रोथ में बाधा बन जायेगा।
इसी के जबाव के रूप में गूगल द्वारा Google बार्ड लेकर आया जा रहा है।
Chat Gpt vs Google Bard
chat Gpt को माइक्रोसॉफ्ट की तरफ से सपोर्ट किया जा रहा है जिसके लिए माइक्रोसॉफ्ट ने एक बड़ी राशि chat gbt के लिए में लगाने की बात कही है। जिसके बाद इसमें अधिकतम हिस्सेदारी माइक्रोसॉफ्ट की हो जाएगी। इस क्षेत्र में केवल गूगल, माइक्रोसॉफ्ट ही नहीं है बल्कि चीन भी अपना टूल लेकर आ रहा है।
तकनीकि पक्ष
Chat Gpt को तकनीकि रूप में देखें। तो इसका नाम generative pre-training transformer है। इसके नाम में ही तभी तकनीकि शब्द उपस्थित हैं। जो कि pre-training और transformer architecture पर कार्य करता है। यह एक प्रकार का ऐसा सिस्टम है जो हमारी भाषा को समझ सकता है। और हमारी तरह बात को समझ कर उसी प्रकार से जवाब दे सकता है। इस मॉडल को तैयार करने के लिए अलग अलग लेवल पर ट्रेंड किया जाता है। इसे डाटा के रूप में जानकारी को सिखाया जाता है। इसके बाद ही यह जबाव देने के लिए तैयार हो पाता है। chat gpt को 175 बिलियन पैरामीटर्स से तैयार किया गया है।
इसकी तरह पहले भी बहुत से टूल्स बाजार में आये हैं किन्तु इसमें खास है, इसके द्वारा काम में लायी जा रही तकनीकी क्षमता- इसके द्वारा poem , कोड , email कई प्रकार के कार्य आसानी से किये जा रहे हैं।
Chat Gpt में तकनीक के लिहाज से ट्रांसफार्मर आर्किटेक्चर देखने को मिलता है यह एक तरह का न्यूरल नेटवर्क है जिसमें सेल्फ अटेंशन लेयर शामिल होते है। यह लेयर दी गयी जानकारी में विभिन्न प्रकार के शब्दों में भिन्नता रखने में सहायक होती हैं। जिसकी मदद से डाटा और इनफार्मेशन को अच्छे से समझ पाता है और उसी के मुताबिक जबाव दे पाता है।
chat gpt में अत्यधिक संख्या में डाटा को फीड किया जाता है जिसे प्री ट्रेनिंग का भाग माना जाता है। इसकी मदद से आगे के शब्दों के मेल को पहचान कर जवाब बनाया जाता है। इस प्रक्रिया में यह नए डाटा को स्टोर करता जाता है। जो इसकी क्षमता को निरंतर बढ़ाता जाता है।
chat gpt को chat gpt 3 ट्रांसफार्मर भाषा के द्वारा बनाया गया है। 2017 में गूगल के द्वारा ही ट्रांसफार्मर को बनाया और open source किया गया था। इसलिए chat gpt हो या bard इन दोनों को ही समान तकनीक पर बनाया गया है। इसी कारण इन दोनों में ही कोई बड़ा अंतर देखने को नहीं मिल रहा।
गूगल बार्ड
गूगल बार्ड गूगल द्वारा लाये जाने की वजह से एक बड़ा और लेटेस्ट डाटासेट लेकर आ रहा है। जिसकी वजह से इसका सुर्ख़ियों में आना आम बात है। किन्तु इसे अभी तैयार करने और सेल्फ डाटा स्टोर करने में वक्त लगेगा।
chat gpt की खामियों में एक खामी यह है कि यह 2021 के बाद का डाटा प्रोसेस नहीं करता और न ही इसे इंटरनेट के कनेक्ट किया गया है। इसी के चलते माइक्रोसॉफ्ट के CEO Satya Nadela ने इसे बिंग ब्राउज़र के साथ कनेक्ट करके bing chat को लांच करने का प्लान बनाया है।