रूस ऐसा पहला देश बन गया है जिसने Corona Vaccine को बनाने के लिए regulatory approval दे दिया है। व्लादिमीर पुतिन के द्वारा इस वैक्सीन के बारे में बताया गया। जो पूरी दुनिया के लिए बहुत बड़ी news हो सकती है । इसमें यह खास बात है क़ि सबसे पहले पुतिन की बेटी को यह वैक्सीन दिया गया है। इस दवा का नाम Gam-Covid-Vac Lyo रखा गया है। इसे रूस की Gamaleya Institute के द्वारा बनाया है इस संस्थान ने वैक्सीन को बनाने के लिए वहाँ की डिफेन्स मिनिस्ट्री के साथ collaboration किया था।
वैक्सीन काम कैसे करता है?
जब वायरस को मरे हुए रूप में वैक्सीन के अंदर डाला जाता है और उस वैक्सीन को किसी व्यक्ति को दिया जाये तो उस व्यक्ति की बॉडी में अपने आप एंटीबॉडी बनने लगेगी। इस वैक्सीन में adenovirus का DNA डाला गया है यह एक common cold virus है जो चिम्पेंजी में ज्यादातर पाया जाता है।
इस वैक्सीन में विवाद
इस वैक्सीन में सबसे बड़ा विवाद एक्सपर्ट्स के द्वारा जो सामने आ रहा है वो इसकी तैयारी को लेकर है कि मात्र 2 महीने के ह्यूमन ट्रायल में वैक्सीन को तैयार कर लिया गया है और केवल phase 1 के ट्रायल को ही पब्लिक किया गया है रूस कि TASS news एजेंसी के द्वारा यह बताया गया है कि जिन volunteers पर ट्रायल किया गया था उनमें से किसी को भी कोई समस्या नहीं आयी है। Phase 1 का ट्रायल जून 17 से 76 लोगो पर किया गया जिसमे आधे लोगो को वैक्सीन liquid form में और आधे लोगो को powder form में दी गयी। जुलाई 13 से Phase 2 का ट्रायल किया गया और अगस्त 3 तक सभी ट्रायल को पूरा भी कर लिया गया। किसी भी दवा के बनने में एक लम्बा समय जाता है दुनिया में और भी सभी देश वैक्सीन पर लगे हुए है ? लेकिन अभी ट्रायल फॉर्म में ही हैं।
रूस का क्या कहना है?
रूस का कहना है कि यह वैक्सीन काफी अधिक समान है MERS(Middle East Respiratory Syndrome) disease की वैक्सीन के, इसलिए हमें काफी अधिक ट्रायल करने की जरुरत नहीं हुई।