यह एक ऐसा विषय है जिस पर ज्ञान अधूरा सा ही है। वैज्ञानिकों के द्वारा भी इस पर कोई बहुत अधिक खोजें नहीं हुई। लेकिन जो भी ज्ञात है वह भी कम रोमांचक नहीं है। ब्लैक होल क्या है(Black Hole kya hai)? दुनिया के सामने सबसे पहले विचार प्रस्तुत करने वाले वैज्ञानिक John Michell थे। यह कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में एक अध्यापक थे।
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ब्लैक होल क्या है(Black Hole kya hai)?
ब्लैक होल ब्रह्माण्ड की एक ऐसी चीज है जिससे प्रकाश भी पास नहीं होता। इसका गुरुत्वाकर्षण इतना अधिक होता है कि इसके आस पास या इसके गुरुत्वीय घेरे में आने वाली हर चीज को यह निगल लेता है। ब्लैक होल में समय का कोई अस्तित्व नहीं रहता।
यह अत्यंत घनत्व और द्रव्यमान वाला पिंड होता है। जहाँ से प्रकाश भी पार नहीं होता। दुनिया के सामने सबसे पहले देखा जाने वाला ब्लैकहोल था Cygnus X 1
ब्लैक होल का निर्माण कैसे होता है।
ब्लैक होल निर्माण के कई कारण हो सकते हैं। जैसे दो तारों के बीच टक्कर होना उस टक्कर के बाद जो ऊर्जा पैदा होती है। उस वजह से स्पेस और टाइम दोनों विकृत हो जाते हैं। इन दोनों का अस्तित्व समाप्त होने से वह अदृश्य हो जाता है। किसी भी ब्लैकहोल का सम्पूर्ण द्रव्यमान एक छोटे से बिंदु में केंद्रित रहता है जिसे सेंट्रल सिंगुलरिटी पॉइंट कहते हैं। इस बिंदु के आसपास की सीमा को इवेंट होराइजन कहा जाता है।
इसके अलावा अन्य कारण, किसी तारे का संकुचित होना भी हो सकता है। जैसे माना कि सूर्य को संकुचित कर मटर के दाने के समान कर दिया जाये, सूर्य का घनत्व मटर के दाने में समाहित होने पर सम्भावना है कि, वह ब्लैक होल का रूप ले लेगा और उसी प्रकार का व्यवहार प्रदर्शित करेगा।
मशहूर भौतिक वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग(Stephen Hawking) के द्वारा ब्लैक होल के इवेंट होराइजन पर अध्ययन किया गया जिसके आधार पर ही ब्लैक होल के द्रव्यमान और घनत्व का अनुमान लगाया जा सकता है।
थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी क्या है।
अल्बर्ट आइंस्टीन (Albert Einstein) की थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी के अनुसार ब्लैक होल से एक निश्चित सीमा पर खड़े व्यक्ति की घड़ी की सुई अत्यंत मंद एवं धीरे हो जाएँगी। एवं वहां का समय अत्यंत धीमी गति से चलेगा।
जब किसी वस्तु को प्रकाश की गति से या उससे तेज़ गुजरा जाता है तो इस स्थिति में समय की चाल धीमी हो जाती है। समय निरपेक्ष है, ब्रह्माण्ड में अलग अलग जगह पर समय अलग अलग है। इसे ही time delusion कहा जाता है। ब्लैक होल के अंदर अगर किसी चीज जो फेंका जाता है। तो वह वस्तु अपना अस्तित्व समाप्त कर लेगी। उस वस्तु के कण छोटे छोटे टुकड़ों में बिखर जायेंगे और वह धीरे धीरे ब्लैक होल में अदृश्य हो जायेंगे।
ब्लैक होल से सम्बंधित तथ्य
- ब्लैक होल अपने रास्ते या गुरुत्वीय क्षेत्र में आने वाली हर चीज को निगलते जाते हैं। जिसकी वजह से उसकी शक्ति और बढ़ती जाती है एवं उसका इवेंट होराइजन और भी अधिक फैलता जाता है। किन्तु जब ब्लैक होल अपनी शक्ति को किसी भी प्रकार से नहीं बड़ा पाता या ब्लैक होल किसी खाली स्थान पर पहुंच जाता है जहां उसकी गुरुत्वीय शक्ति में कोई पिंड, तारा या कोई भी ऐसी चीज नहीं होती, जिसके जरिये उसके द्रव्यमान और घनत्व में वृद्धि हो, ऐसी स्थिति में वह धीरे धीरे सिकुड़ता जाता है और अपना अस्तित्व खो देता है।
- ब्लैक होल निरंतर एक wave पैदा करते रहते हैं। जिस कारण उनकी शक्ति क्षीण होती जाती है। जिसकी वजह से इवेंट होराइजन सिकुड़ता जाता है।
- ब्लैकहोल एक अदृश्य अवस्था है। क्यों कि किसी भी वस्तु को तभी देखा जा सकता है जब उससे प्रकाश परावर्तित होता हो। किन्तु ब्लैक होल में जाकर प्रकाश भी अपना अस्तित्व खो देता है। वैज्ञानिकों के द्वारा भी ब्लैक होल की पहचान तब की जाती है जब वह बाहरी छोर पर आ रहे प्रकाश की दिशा को मोड़ देता है, तब उसके चारों ओर प्रकाश दिखाई पड़ता है या जब वह किसी अन्य ब्लैक होल से टकरा रहा होता है तब उसके चारों ओर प्रकाश की वजह से ब्लैक होल का पता लगाया जाता है।
- किसी भी बड़े ब्लैक होल की शक्ति इतनी हो सकती है कि वह किसी गैलेक्सी को निगल ले।
- वैज्ञानिकों के द्वारा गुरुत्वीय तरंगों का अध्ययन कर ब्रह्माण्ड और ब्लैक होल के विषय में जानने का प्रयास किया जा रहा है। किसी भी ब्लैकहोल से पैदा हुई गुरुत्वीय तरंग को मापने के लिए LIGO(Laser Interferometer Gravitational-wave Observatory) तकनीक का उपयोग किया जाता है। पृथ्वी तक गुरुत्वीय तरंग के पहुंचने तक वह अत्यंत कमजोर हो चुकी होती हैं। अगर कोई घटना ब्रह्माण्ड में अभी घटित हुई है, तो उसकी गुरुत्वीय तरंग को पृथ्वी तक पहुंचने में लाखों साल भी लग सकते हैं।
ब्लैक होल क्या है(Black Hole kya hai)? इस पर निरंतर खोजे हो रही हैं। इसकी संरचना ओर इसके अंदर की घटनाओं के विषय में बहुत कम जानकारी है। अभी हाल ही में एक तेज़ गति से गतिमान ब्लैक होल को खोजा गया है। जो एक नयी घटना है।