Bangladesh GDP Overtake india जैसे ही यह खबर IMF की तरफ से आती है लोग सोचने पर मजबूर हुए होंगे क्या ऐसा हो सकता है भारत कितना बड़ा देश और बांग्लादेश कहाँ। किन्तु यह सही है।
IMF(International Monitoring Fund) की वर्ल्ड इकॉनमी आउटलुक रिपोर्ट के द्वारा बताया गया है कि साल 2020-21 में GDP में जो संकुचन होने वाला है वह करीब 10.5% से होगा और अगली साल यह 8.8% के साथ बाउंस बैक करेगा किन्तु इसका मतलब यह नहीं है कि भारत V-shap रिकवरी करेगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की PER CAPITA GDP( प्रति व्यक्ति सकल घरेलु उत्पाद ) में भी 10.3% से गिरावट दर्ज होगी और यह 2020-21 में $1877 रहेगी जो पिछले चार साल में सबसे कम है
वहीं अगर बांग्लादेश की बात करें तो यहाँ की PER CAPITA GDP में 4% की वृद्धि दर्ज होगी एवं 2020-21 में यह $1888 रहेगी।
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Bangladesh GDP Overtake india को समझने के लिए GDP की साधारण परिभाषा समझते हैं
GDP(सकल घरेलू उत्पाद) होता क्या है?
किसी देश की सीमा क्षेत्र में उसके सभी निवासियों द्वारा एक वर्ष की अवधि में उत्पादित समस्त अंतिम वस्तुओं(Goods) एवं सेवाओं(Services) के कुल मौद्रिक मूल्य(कुल वैल्यू) को उस देश की GDP कहते हैं। यह किसी देश की आर्थिक स्थिति को जानने का तरीका है।
PER CAPITA GDP(प्रति व्यक्ति GDP)
किसी देश की जीडीपी को अगर उसकी कुल जनसँख्या से भाग किया जाता है तो प्रति व्यक्ति जीडीपी प्राप्त होती है। इसके द्वारा व्यक्ति के जीवन स्तर को नहीं बताया जाता किन्तु इसे संकेत के रूप में प्रयोग किया जाता है।
प्रति व्यक्ति जीडीपी के मामले में भूटान, मालदीव, श्री लंका जैसे देश भारत से आगे निकल रहे हैं।
Bangladesh GDP Overtake india ऐसा होने से भारत की चिंता
कुछ साल पहले भारत प्रति व्यक्ति जीडीपी के मामले में दुनिया में टॉप परफॉरमेंस देशों में से एक था। अगर आज से 5 साल पहले की बात करें तो भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी ग्रोथ बांग्लादेश से 40% अधिक थी।
इसका कारण Compound Annual Growth Rate(CAGR) से पता चलता है कि भारत की CAGR केवल 3.2% से दर्ज की गयी वहीं बांग्लादेश की पिछले 5 साल में 9.1% से ग्रोथ हुई है।
बांग्लादेश ने एक्सपोर्ट पर काफी ध्यान दिया 2015 से कोरोना से पहले तक उसके एक्सपोर्ट में 44% कि बढ़ोत्तरी दर्ज की गयी। 2019 में बांग्लादेश के द्वारा $45.7 billion का एक्सपोर्ट किया गया था। अगर भारत की स्थिति देखें तो भारत का निर्यात में कोई खास इजाफा नहीं हुआ वह एक स्थिति के आसपास ही बना रहा।
अगर जनसँख्या के आंकड़ों को देखा जाये तो बांग्लादेश की 16 करोड़ की आबादी है। उस हिसाब से प्रति व्यक्ति जीडीपी में $275 का सीधे तोर पर फायदा हुआ है।
बांग्लादेश का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर चीन है जिससे हर साल $15 billion का ट्रेड होता है। वहीँ भारत के साथ यह 1/3 भाग ही है।
इन सभी आंकड़ों के अलावा बांग्लादेश की सकल बचत दर(Gross Saving Rate) में भी निरंतर बढ़ोत्तरी हुई है। 2018 में यह आंकड़ा 27.4%, 2019 में यह 29.5% और 2020 कोरोना के समय में भी यह आंकड़ा बढ़ कर 30.1% हो गया।
वहीं भारत का ग्रॉस सेविंग रेट(सकल बचत दर) 15 साल में सबसे निम्न स्तर पर पहुंच चुकी है। 2007-08 में यह 36% था उसके बाद से इसमें लगातार गिरावट आयी है।
अगर GDP को purchasing power parity के हिसाब से देखें तो हालाँकि भारत अभी आगे है किन्तु इस भी भारत ज्यादा समय तक बरक़रार नहीं रख पायेगा।
बांग्लादेश हर इंडेक्स में बेहतर प्रदर्शन कर रहा है चाहे वह मोर्टेलिटी रेट हो या ग्लोबल हंगर इंडेक्स। 2019 में वर्ल्ड हैप्पीनेस इंडेक्स में बांग्लादेश हमसे सिर्फ 2 पायदान पीछे है।
जानकारों का अनुमान है कि 2025 में बांग्लादेश पूरी तरह भारत को पीछे छोड़ देगा।
बांग्लादेश के द्वारा ग्रोथ को कैसे हांसिल किया गया
पाकिस्तान से अलग होने के बाद से ही बांग्लादेश ने कई क्षेत्रों पर लगातार ध्यान दिया गया उसके द्वारा आर्थिक नीतियों को सहज बनाया गया। महिलों की भागेदारी को बड़े स्तर पर बढ़ाया गया जैसे बांग्लादेश की गारमेंट इंडस्ट्री ने एक्सपोर्ट को बहुत बढ़ाया जिसमें पूरा श्रेय महिलाओं की भागेदारी को दिया जाता है।
बांग्लादेश में जेंडर पैरिटी अधिक है अर्थात महिलाओं और पुरुषों को बराबरी का हक़ है। gender parity index में भारत की रैंक 153 देशों में 102 है वहीं बांग्लादेश की रैंकिंग 50 है। यही साबित कर देता है कि महिलाओं और पुरुषों को कितनी बराबरी का हक है भारत के मुकाबले।
अगर भारत से तुलना करें तो यहाँ की असली शक्ति कृषि में छिपी हुई है। भारत की अधिकांश जनसँख्या कृषि पर निर्भर है। जिसका सरकार के द्वारा आज तक पूरी तरह फायदा नहीं उठा सके। वहीँ बांग्लादेश ने इंडस्ट्रियल सेक्टर और सेवा क्षेत्र पर बहुत ध्यान दिया। इसके साथ ही उसने समावेशी विकास की और ध्यान दिया है जैसे- हेल्थ, फाइनेंसियल इनक्लूसिव, महिलाओं की राजनीति में भागीदारी।
ख़राब पानी और सफाई की वजह से बांग्लादेश में जो मृत्यु होती हैं वह भारत से कम है। Global Findex एक डेटाबेस है उसने बताया कि भले भारत में लोगों के बैंक अकाउंट अधिक हो किन्तु भारत में एक्टिव अकाउंट कम हैं वहीं बांग्लादेश में बैंक अकाउंट कम हैं किन्तु एक्टिव अकाउंट की संख्या अधिक है।
सरकार इन आंकड़ों को नकार रही है किन्तु सच तो यही है। बांग्लादेश की GDP भारत से आगे निकल गयी है। आज तक यह कह कर खुद की पीठ थपथपा ली जाती थी कि बांग्लादेश गरीब है। वह के लोग भारत में आकर संसाधन जुटाने हैं। भ्रष्टाचार अधिक है। किन्तु फिर भी बांग्लादेश बेहतर कर रहा है। भारत के मुकाबले छोटा सा देश, जिसकी क्षेत्रफल के हिसाब से बहुत अधिक आबादी है। जनसँख्या घनत्व अधिक है। भूमि की कमी है नदियों और समुन्द्र में बसा हुआ देश है। विपरीत परिस्थितियों के बाद भी तेज़ी से ग्रोथ दर्ज कर रहा।
भारत को यह तथ्य मानते हुए काम करना चाहिए कि Bangladesh GDP Overtake india.
वहीं अगर भारत की बात करें तो भारत में भी भ्रष्टाचार है जनसँख्या भी चरम पर है जिसमें अधिकांश आबादी जवान है। संसाधन भी पर्याप्त मात्रा में मौजूद हैं तो हम ग्रोथ के उच्चतर स्तर पर क्यों नहीं पहुंच पा रहे। अगर नीतियों में खामियां हैं तो उन खामियों पर फिर से विचार करना चाहिए और देश को एक मजबूत प्लान के साथ आगे लेकर जाना चाहिए।