AI क्या है(Artificial Intelligence kya hai)?

आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस क्या है (Artificial Intelligence kya hai)? इस आर्टिकल में इस विषय को ही जानने का प्रयास किया गया है।

AI क्या है(Artificial Intelligence kya hai)?

Artificial Intelligence computer science की एक ब्रांच है। यह ब्रांच ऐसे कार्यों को करने में सक्षम है, जिनको करने के लिए Human Intelligence की आवश्यकता होती है। AI के तहत सिस्टम को इस प्रकार से कोड व् डिज़ाइन किया जाता है कि वह खुद की गतिविधियों से ही सीख सके।

आज के समय में इस प्रकार की मशीनों को बनाने का प्रयास हो रहा है जो मनुष्य की तरह सोच सकती हो, एवं उनके पास मनुष्य की तरह निर्णय लेने की क्षमता हो। जिस प्रकार से मनुष्य अपने अनुभव से सीखता है उसकी प्रकार से वह भी सीख सकती हों।

AI के लिए लक्ष्य 2030 तक

अनुमान है कि 2030 तक artificial intelligence की ग्लोबल GDP में लगभग 14% की भागीदार होगी। जो कि $15 ट्रिलियन से अधिक होगी। गूगल की तरफ से 2600 ऐसे कामों को अलग किया गया है जहाँ पर AI का इस्तेमाल कर दुनियाँ की मदद की जा सकती है।

Artificial Intelligence(AI) का इस्तेमाल

Virtual Personal Assistants

आज के समय में जिस प्रकार के मोबाइल उपयोग में लाये जा रहे हैं। उनमें आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल हो रहा है। iphone में siri(AI) सिस्टम, एंड्राइड और गूगल पिक्सेल्स में, विंडो मोबाइल में कोर्टाना आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल हो रहा है। जैसे कि- एंड्राइड मोबाइल में ok google voice कमांड पर AI का इस्तेमाल हो रहा है। गूगल को वॉइस कमांड के माध्यम से कॉल करने, अलार्म लागने में या अन्य कोई टास्क आदेश दिए जाने पर पूरा किया जा सकता है।

Video Games

आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का सबसे पहले इस्तेमाल वीडियो गेम्स में शुरू हुआ। किसी भी गेम की जटिलता और उसे पहले से बेहतर बनाने के लिए कौन से बदलाव करने चाहिए? इसके लिए आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जाता है। Call of Duty , Far Cry जैसे गेम्स में आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जाता है।

Smart Cars

गूगल की तरफ से सेल्फ ड्राइविंग कार्स(CARS) पर कार्य किया जा रहा उसी प्रकार टेस्ला की कारों में ऑटोपाइलेट मोड को अपनाया जा रहा है।

कारों में इस प्रकार की सुविधा के लिए AI का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये गाड़ियां खुद ही रोड पर चलेगी जिसमें ड्राइवर्स की जरुरत नहीं होगी। इन गाड़ियों में सेंसर्स और लेज़र यंत्र लगे होंगे जिनके द्वारा रोड पर हो रही गतिविधि एवं ट्रैफिक को ध्यान में रखते हुए खुद ही AI की सहायता गाड़ी को चलाया जाता है। ट्रैफिक में गाड़ियों के बीच कितनी दूरी होनी चाहिए, उसे मुड़ने के लिए कितना स्थान चाहिए, सभी प्रकार की गतिविधियों को AI द्वारा स्वयं नियंत्रित किया जाता है।

Security Surveillace

रोबोट सिक्योरिटी कैमरा का इस्तेमाल आज के पारम्परिक कैमरा की जगह किया जा सकता है। यह आज के समय में उपयोग में लाये जाने वाले कैमरा से बेहतर एवं सटीकता से काम कर सकते हैं। रोबोट युक्त कैमरा खुद से निर्णय लेने में सक्षम होंगे। इन्हे कहीं भी भेजा जा सकता हैं। जबकि आज के समय के साधारण कैमरों को एक स्थान पर फिक्स करके ही लगाया जाता है।

Purchase Prediction

किसी भी डिजिटल प्लेटफार्म से सामान को खरीदने में भी आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल हो रहा है। जब किसी वेबसाइट से सामान खरीदा जाता है तो उस वेबसाइट के द्वारा आपकी जरुरत के हिसाब से मिले जुले प्रोडक्ट भी दिखये जाते हैं। ताकि आपका ध्यान उन प्रोडक्ट पर भी जा सके। यह सब कार्य भी AI की मदद से ही किये जाते हैं।

Fraud Detection

इस प्रकार के AI प्रोग्राम को पहले सही और गलत से रूबरू कराया जाता है।  उसके आधार पर प्रोग्राम फ्रॉड डिटेक्शन कर पाता है। और यह प्रोग्राम धीरे धीरे खुद को बेहतर बनाता जाता है।

Online Customer Support

Online Customer Support के लिए कंपनियों के द्वारा AI का इस्तेमाल किया जाता है। यह व्यक्ति के अनुभवों से सीखकर सही जवाब देने में सक्षम करते जाते हैं। अगर AI मशीन के द्वारा customer support देना संभव नहीं होता, ऐसी स्थिति में request को manual support पर डाल दिया जाता है।

News Generation

याहू और गूगल जैसे search engine भी इनफार्मेशन को AI की सहायता से अलग करते हैं। इंटरनेट की दुनिया में हजारों आर्टिकल किसी भी विषय पर हो सकते हैं। उनमें से कुछ चुनिंदा आर्टिकल ही व्यक्ति के सामने उसकी जरुरत के अनुसार प्रदर्शित किये जाते हैं।

इन सब के अलावा भी ह्यूमन लाइफ को आसान बनाने के लिए AI का इस्तेमाल मानव विकास से जुड़े क्षेत्रों में भी हो रहा है। जैसे Hunger Index , Poverty and Disease , Climate Change , Madical आदि क्षेत्रों में। अब इस प्रकार के सॉफ्टवेयर बनाये जा रहे हैं जिनके द्वारा डाटा की तेज रफ़्तार से गणना की जा सके। AI के द्वारा यह कार्य और भी आसान होता जा रहा है।

Artificial Intelligence से नुकसान क्या हो सकते ?

  • AI के विकास से भविष्य में सबसे बड़ी चिंता बेरोजगारी को लेकर है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता युक्त मशीने, कंपनी और इंड्रस्ट्रीज में कामगार वर्ग के स्थान को खुद से बदल देंगी। किसी भी कंपनी में जो कार्य मानव द्वारा किये जाते थे वही कार्य मशीनों के द्वारा किये जायेंगे और इन मशीनों के एक बार किसी भी इंडस्ट्री में स्थापित होने के बाद मैंटीनैंस का खर्च ही वहन करना होता है। AI मशीनों का जहाँ किसी कम्पनी को फायदा होगा वहीँ लोगों को अपनी जॉब से भी हाथ धोना पड़ेगा।
  • एक चिंता AI मशीन को लेकर यह भी है कि भविष्य में इन मशीनों में इतना अधिक विकास न हो जाये कि यह मानव के लिए ही खतरा साबित हो। वैज्ञानिकों के द्वारा ऐसे रोबोट तैयार किये जा रहे हैं जो मानव की भांति सोच समझ कर निर्णय लेते हों। इन रोबोट के हाव भाव इंसानों की तरह हों। वैज्ञानिकों के द्वारा कृत्रिम त्वचा का निर्माण भी कर लिया गया है। जो मनुष्य की त्वचा के समान दिखाई देती है। इस प्रकार की वैज्ञानिक खोजें नैतिक सवालों को भी सामने लाती हैं। क्या भविष्य में इंसान और ह्यूमन रोबोट समान हो जायेंगे ?
  • AI टेक्नोलॉजी को लेकर एक समस्या इसकी सुरक्षा को लेकर है। अभी इस टेक्नोलॉजी का विकास हो रहा है। भविष्य में जितना यह मददगार साबित होगी उतना ही नुकसान भी कर सकती है। मनुष्य की सूचनाओं को अपने हितो के अनुसार इकठ्ठा करके उनका उपयोग गलत ढंग से किया जा सकता है।
  • अगर AI के हिसाब से बदवाव किये जाते हैं तो एजुकेशन, हेल्थ , डिफेन्स आदि क्षेत्रों में निचले स्तर से बदलाव करने होंगे। जिसके लिए बहुत अधिक पूँजी की आवश्यकता होगी।
  • AI का सबसे बड़ा नुकसान छोटे बच्चों को हो सकता है, खुद से सीखने और तर्कशक्ति में कमी आ सकती हैं. ऐसा इसलिए क्यों कि जिस प्रकार से बच्चे डिजिटल प्लेटफॉर्म से कनेक्ट हो रहे हैं. आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस की सहायता से उन्हें एक दायरे में मोड़ा जा रहा होता है. जैसे- कोई बच्चा यूट्यूब या किसी अन्य जगह पर कोई वीडियो देखता है. तो AI की मदद से उस बच्चे के सामने उसी प्रकार की वीडियो सामने आती रहेंगी।

भारत में Artificial Intelligence

भारत में AI को विकसित करने के लिए Centre for artificial intelligence and robotics(CAIR)  एजेंसी नियुक्त है। यह DRDO की प्राइमरी एजेंसी है। जो डिफेन्स, information and communication technology(ICT) आदि क्षेत्रों में AI को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत है। इस एजेंसी को 1986 में बनाया गया था।

भारत सरकार डिजिटल इंडिया मिशन को चला रहा है। उस मिशन को पूरा करने के लिए AI की आवश्यकता होगी। भारत की जिओ पोलिटिकल स्थिति के विषय में भी AI मदद कर सकती है। स्मार्ट बॉर्डर सर्विलांस के लिए AI युक्त मशीनों का इस्तेमाल किया जा सकता है।

Weather Forecasting में आज भी भारत के सिस्टम पुराने हैं। इन सिस्टम को नयी टेक्नोलॉजी से बदला जा सकता है और इनकी जगह आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल हो सकता है। ताकि मौसम की जानकारी में सटीकता प्राप्त हो सके।

AI टेक्नोलॉजी में अभी बहुत सी संभानाएं छुपी हुई हैं। जहाँ तक पहुंचना के बाद ही सही और गलत का निर्णय किया जा सकता है। अगर भविष्य में AI सिस्टम मनुष्य का विकल्प बनते हैं तो उसके भी उपाय जानकारों के द्वारा खोजे जायेंगे।

आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस क्या है (Artificial Intelligence kya hai)? इस विषय पर हमारी जानकारी आपको कैसी लगी कमेंट सेक्शन में आप बता सकते हैं और यदि आपका कोई सवाल है तो वह भी पूछ सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Technology

Chat Gpt vs Google Bard

इंटरनेट की दुनिया में AI का बदलता हुआ स्वरूप किसी न किसी रूप में लोगों की जिंदगियों में प्रवेश कर रहा है। इसी के चलते Chat Gpt vs Google Bard के बीच की जंग दोनों को होड़ में आगे रहने के लिए हो गयी है।  तकनीक का यह विकास बहुत तेज़ी से नए Artificial तकनीक […]

Read More
DNA Fingerprinting in Hindi
Technology

डीएनए फिंगरप्रिंटिंग (DNA Fingerprinting in Hindi)

डीएनए फिंगरप्रिंटिंग क्या है?(DNA Fingerprinting in Hindi) डीएनए फिंगरप्रिंटिंग एक प्रयोगशाला तकनीक है जिसका उपयोग मानव डीएनए के कुछ न्यूक्लियोटाइड अनुक्रमों के आधार पर किसी व्यक्ति की संभावित पहचान निर्धारित करने के लिये किया जाता है जो व्यक्तियों के लिये अद्वितीय हैं। डीएनए फिंगरप्रिंटिंग की उत्पत्ति ■ डीएनए फिंगरप्रिंटिंग का विकास वर्ष 1984 में यूनाइटेड […]

Read More
cyber security in hindi
Technology

साइबर सुरक्षा में भारत के प्रयास(cyber security in hindi)

देश में महत्त्व पूर्ण अवसंरचनाओं पर साइबर हमलों के मामलों में वृद्धि को देखते हए ‘राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय’ (NSCS) ने एक मसौदा राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा(cyber security in hindi) रणनीति तैयार की है। प्रमुख बिंदु ■ केंद्र सरकार के अनुसार, नवंबर 2022 तक देश में कुल 12,67,564 साइबर सुरक्षा घटनाएँ दर्ज की गई। वर्ष 2021 […]

Read More