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“A New tick borne virus in China”
यह बात सच है कि चीन में फिर से एक और नए वायरस के मामले सामने आए हैं। यह बीमारी एक टिक नाम के कीड़े के काटने से फैलती है। इस वायरस को STFS वायरस के नाम से भी जानते हैं। इसे buniya virus नाम की श्रेणी में रखा गया हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अभी तक इस वायरस के द्वारा कई लोगों के मारे जाने कि खबर हैं। हालाँकि यह कोरोना वायरस की तरह नया नहीं हैं। 2011 में ही चीन के द्वारा इस वायरस के पैथोजन(pathogen) को पृथक कर लिया गया था।
pathogen– इसका मतलब है रोगजनक, जिससे कई तरह की बीमारियों का जन्म होता है। इसमें विषाणु, जीवाणु, कवक, परजीवी सभी आते है
Symptoms
इसमें पीड़ित व्यक्ति को बुखार और खांसी होती है। व्यक्ति के शरीर में Thrombocytopenia Syndrome से leukocyte यानि ब्लड प्लेटलेट्स कम होने लगाती है। जो व्यक्ति कि मृत्यु का कारण बनती है। इस syndrome को SFTSV(severe fever with Thrombocytopenia Syndrome virus) भी कहते है।
वायरस पर चीन की स्थिति
समाचार रिपोर्ट के मुताबिक शुरुआती समय में इसके संक्रमण के अधिक मामले सामने आए और उनमे मृत्यु दर के मामले अधिक थे। किन्तु अब स्थिति में सुधार है। जेझियांग यूनिवर्सिटी के डॉक्टर शेंग जिफांग का मानना है कि टिक बोर्न वायरस एक मरीज के म्यूकस या खून के जरिये दूसरे व्यक्ति में फैलता है। उनके मुताबिक इस वायरस का कोरोना काल में आना काफी खतरनाक हो सकता है।
इस वायरस को चीन के अलावा अन्य देशो में भी देखा गया है। जैसे मध्य एशिया और यूरोप के देश।
विषाणु जनित रोगो का प्रभाव
हाल फ़िलहाल के वर्षो में दुनिया में एक से एक खतरनाक वायरस सामने आए है। जिसकी वजह से सभी देशो को उस वायरस से होने वाले रोगो से लड़ना पड़ा है और जब भी इस प्रकार की घटना हुई है बहुत से लोगों की जाने गयी है। इन सब में एक बात सामने आयी है कि ज्यादातर वायरस जानवरो से आए है। जैसे- corona virus, nipah virus, bird flu, swine flu, hanta virus, और भी बहुत से है पूरी की पूरी लिस्ट है। ऐसा हर बार होता है कि विज्ञान को जंग लड़नी पड़ती है। अभी दुनिया कोरोना से लड़ाई लड़ रही है लेकिन चीन में एक और नया वायरस पैदा हो गया है।
जिस प्रकार से विषाणु जनित रोग हो रहे है ऐसा मालूम हो रहा है कि क्या हमें अपनी दिनचर्या और खानपान में बदलवाव लाने की आवश्यकता है? ऐसा इसलिए सोचने की आवश्यकता है क्यों कि जानवरो का रोल विषाणु जनित रोगो में रहा है और आज के समय में दुनिया में सिर्फ 14% लोग ही vegetarian(शाकाहारी) है ऐसा brazilian institute of publice opinion and statistics, 2018 की रिपोर्ट में कहा गया है। इस आधार पर तो सोचना जायज लगता है कि हम अपने भोजन में ऐसे खतरनाक जानवरो को भी शामिल करे हुए है जिनसे रोगो कि संभावना है। कोरोना, स्वाइन फ्लू उन्ही का परिणाम है, और जो रोग जानवरो के संपर्क में आने से होते हैं उनसे तो बचाव ही प्रारंभिक एक मात्र सबसे बेहतर उपाय है।