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5th Ocean kya hai:
World Ocean Day (8 June) के दिन National Geographic Society(NGS) के द्वारा Southern Ocean को दुनिया के 5th महासागर(Ocean) के रूप में स्वीकृति दी गयी है। यह धरती के South Pole(दक्षिणी ध्रुव) के आसपास का क्षेत्र है। इससे पहले तक दुनिया में सिर्फ 4 महासागरों को ही माना जाता था। ये सभी महासागर अपने आसपास के महाद्वीपीय क्षेत्र के आधार पर परिभाषित हैं।
- Atlantic Ocean
- Indian Ocean
- Pacific Ocean
- Arctic Ocean
- Southern Ocean
महासागर की सीमा को तय करने और उसकी मैपिंग का कार्य International Hydrographic Organization(IHO) के द्वारा किया जाता है। इसके 94 सदस्य देश हैं। इसके अलावा इसे UN के द्वारा observer status(पर्यवेक्षक की स्थिति) का दर्जा भी मिला हुआ है। इस कारण दुनिया के ज्यादातर देश इसके द्वारा बनाये गए मैप का इस्तेमाल करते हैं।
कई भूगोल शास्त्री Southern Ocean को सबसे अलग मानते हैं। उनके अनुसार Atlantic Ocean , Indian Ocean , Pacific Ocean का बड़ा हुआ रूप मानते हैं। अभी IHO के द्वारा इसे Antarctic Circumpolar Current की सीमा के आधार पर निर्धारित किया गया है। यह एक ओसियन करंट है जो कि समुद्र के पानी का बहाव होता है यह कई सारे बल जैसे हवा, कोरिओलिस बल, तापमान, समुद्र की लवणता के द्वारा ओसियन करंट के रूप में पैदा होती है। यह दुनिया में मौसम को प्रभावित करने के लिए भी जिम्मेदार हैं।
Southern Ocean को लेकर अभी तक विवाद(5th Ocean kya hai)
UBGN(US board On Geography Name) और National Oceanic and Atmospheric Administration(NOAA) के द्वारा Southern Ocean आधिकारिक तौर पर मान्यता प्रदान की किन्तु इसके विरुद्ध कई देश थे इनमें से एक देश अर्जेंटीना भी सामने आया जिसने साउथर्न ओसियन को मान्यता देने से मना किया।
Southern Ocean किसी भी देश की सीमा रेखा में नहीं आता जिस कारण मछली पकड़ने वाले जहाजों की यहां बहुत अधिक गतिविधि रहती है। किन्तु 5 वें महासागर का दर्जा मिलने से इस क्षेत्र में इकोलॉजिकल कंज़र्वेशन के तहत व्यवस्था और रखरखाव शुरू हो जायेगा। जो कि मछली उत्पादक देशों के लिए मुसीबत शाबित होगा।
Southern ocean खास कैसे?
इस क्षेत्र का जल अन्य महासागरों की तुलना में बहुत अधिक ठंडा है। एवं इसकी लवणता और खारापन कम है। यह क्षेत्र दुनिया की नदियों से 100 गुना अधिक जल निष्काषित करता है।
यह पृथ्वी पर बढ़ रहे प्राइमरी कार्बन को अवशोषित कर प्रदुषण को नियंत्रित करता है। यह एक प्रकार का हीट स्टोरेज सिस्टम है जो धरती के तापमान को संतुलित बनाये रखने में मदद करता है। यहाँ की समुद्री विविधिता के विषय में बहुत सी खोजे होना बाकि है। यह क्षेत्र जलीय जीवों के के नजरिये से बहुत सम्पन्न है।
Southern Ocean को खतरा (5th Ocean kya hai)
National Geographic Society का मुख्य उद्देश्य Southern Ocean को सुरक्षित रखना है। यह क्षेत्र biodiversity के हिसाब से सम्पन्न है और अभी इस क्षेत्र में मानव गतिविधियां लगातार बढ़ती जा रही है, जिन्हे बढ़ने से रोका जा सकता है।
यहाँ पर Krill की संख्या अधिक होती है। जो पक्षियों, पेंग्विन, व्हेल्स का भोजन है। किन्तु मानव गतिविधियों, शिकार की वजहों से अब इनकी संख्या में कमी आ रही है जो भविष्य में इस क्षेत्र की विविधता के लिए सकारात्मक तथ्य नहीं है।
बचाव के उपाय
1982 में इस क्षेत्र में फिशिंग के लिए लिमिट को निर्धारित किया गया था किन्तु किसी भी देश का इस जगह से दूर होना एवं सिमा रेखा में नहीं पड़ने के कारण नियमों को पूरी तरह लोगों नहीं करवाया जा सका। 2016 में इस क्षेत्र के ross sea में MPA(Largest Marine Protection) भी लगाया गया था। और आगे भी मांग हो रही है कि इस क्षेत्र में marine protection के लिए नियम लाये जाएँ और उनका पालन कराया जाये।
Southern Ocean पर रिपोर्ट
NGO(national geographical society) के Enric Sala एवं अन्य सदस्यों ने इस क्षेत्र पर अध्ययन कर चिंता व्यक्त की है। Journal Nature Communication में यह लिखा गया है कि Southern Ocean के नीचे के तापमान में लगातार तेजी आ रही है और धरातल पर यह बदलाव 10 गुना तेज़ी से बढ़ रहे हैं। जिस कारण बर्फ के पिघलने की दर तेज़ हुई है एवं ग्लोबल वार्मिंग का खरता बढ़ाता जा रहा है।
भारत पर प्रभाव (5th Ocean kya hai)
भारत की एक लम्बी सीमा समुद्र से लगती है। हिन्द महासागर सीधे साउथर्न ओसियन से जुड़ता है। भारत की जलवायु मानसून पर निर्भर है। अगर ग्लोबल वार्मिंग की वजह से धरती के तापमान में बढ़ोत्तरी होती है तो समुद्र के जल स्तर बढ़ने की पूरी संभावना है। इसकी वजह से भारत के तटीय क्षेत्र समुद्र में डूबने के आसार हैं। और यह पूरे देश की कोस्टल कम्युनिटी के लिए खतरा है।
5th Ocean क्या है?(5th Ocean kya है)। धीरे धीरे लोग इसके बारे में जानने लगेंगे। मैप में भी बदलाव किये जायेंगे। किन्तु चुनौती तो यह होगी कि 5th ओसियन का दर्जा देने के बाद यहां की स्थिति में कितना बदलाव आता है। और किस हद तक सरकारें इस क्षेत्र को सुरक्षित रखपाती हैं।