भारत में कोरोना की दूसरी लहर लगभग जा चुकी है। इसके लिए कोरोना के डबल म्युटेंट B.1.617 को जिम्मेदार बताया गया। covid-19 वायरस अभी तक कई दफा अपना म्युटेंट बदल चुका है। इसके अलावा कोरोना का एक नया म्युटेंट और मिला है। जिसे डेल्टा प्लस वैरिएंट कहा गया है। और सरकार के द्वारा इसे variant of concern केटेगरी में डाल दिया गया है।
2nd वेव के समय ही आंध्रप्रदेश के कुर्नूल शहर में N440K नाम से एक नया म्युटेंट मिला था जिसे 15 गुना अधिक खतरनाक बताया जा रहा था। यह म्युटेंट महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना राज्य में मिला। किसी भी नए म्युटेंट पर रिसर्च कार्य और उससे सम्बंधित जानकारियों को जुटाने के लिए, उसकी घातकता और वह म्यूटैंट कितना खतरनाक है इस बात का पता UK की संस्थान में किया जाता है। इसलिए नए म्युटेंट की वायरस कॉपी पर रिसर्च के लिए इसे वहां भी भेज दिया गया था।
डॉक्टरों का मानना है कि कोरोना के पहले के मामलों में तबियत अधिक ख़राब नहीं होती थी, व्यक्ति को 6-7 दिन बाद साँस की समस्या एवं उसकी तबियत तेज़ी से ख़राब होती थी। किन्तु अब डबल म्युटेंट की वजह से आये 2nd वेव में, पाए जाने वाले मरीजों में 3 से 4 दिनों में ही समस्या तेज़ी से बहुत बढ़ जा रही है। जिस वजह से ऑक्सीजन की डिमांड अचानक से बहुत अधिक बढ़ गयी है एवं वेंटिलेटर दवाइयों की कमी पढ़ गयी।
covid की 3rd wave में सरकार ने पहले से डेल्टा प्लस वेरिएंट के के लिए चिंता व्यक्त कर दी है। भारत में INSACOG नाम से एक बॉडी बनायीं गयी है जो देश में चल रही 28 प्रयोगशालाओं में जीनोम मैपिंग कर वायरस के विषय में जानकारी जुटाने का कार्य करती है। इसकी सहमति से सरकार के द्वारा कदम उठाये जाते हैं।
covid task force के द्वारा 3rd वेव पर अनुमान लगाया गया जिसके अनुसार महाराष्ट्र में ही 2nd वेव के मुकाबले 3rd वेव में 2 गुना तक केस देखने को मिल सकते हैं। जरुरी राज्यों को केंद्र सरकार के द्वारा चेतावनी दे दी गयी है।
3rd Covid Wave
मार्च तक दुनिया के कई देशों में 3rd wave आ चुकी है। जैसे USA , Brazil , United Kingdom . किन्तु इसे रोकने के लिए USA में बहुत तेज़ी से वैक्सीन देने का काम किया गया है, वहां की कुल आबादी का 1\3 भाग से अधिक लोगों को वैक्सीन लगायी जा चुकी है। उसी प्रकार से united kingdom पूरी तरह lockdown करके बहुत तेज़ी से लोगों को वैक्सीन लगाने का काम किया गया है।
केंद्र सरकार के Scientific Advisor K Vijay Raghavan के द्वारा बोला गया है कि covid की 3rd wave अवश्य आएगी। इसके लिए मीडिया के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की गयी। उनके द्वारा बताया गया कि जिस प्रकार से हमारे आस पास वायरस फ़ैल रहा है, covid के नए स्ट्रेन मिल रहे हैं। उस आधार पर वैक्सीन लगने के बाद भी वायरस नए रूप में खुद को ढालने का प्रयास करेगा। ऐसा हो सकता है कि नए स्ट्रेन कोरोना के 3rd वेव के लिए जिम्मेदार हो।
तो ऐसे में पहले से तैयार रहना होगा। जो गलतियां पहले फेज के बाद 2nd वेव में की गयी उन्हें फिर नहीं दोहराया जायेगा। वायरस के फैलने की प्रकृति में बदलाव नहीं हुआ है। महाराष्ट्र सरकार के द्वारा भी कहा गया है कि 3rd वेव के हिसाब से अभी से तैयारी की जा रही है। AIIMS के डायरेक्टर Randeep Guleria के द्वारा भी बोला गया कि 3rd wave आएगा। weekend lockdown , Night Curfews का इस्तेमाल सरकारों के द्वारा जरुरत के हिसाब से करना चाहिए।
बाहरी देशों की तुलना में भारत की समस्या अधिक बड़ी है। यहां की जनसँख्या के हिसाब से लगभग 260 करोड़ वैक्सीन की आवश्यकता होगी। बहुत तेज़ी से भी वैक्सीन देने का काम किया जाये तब भी इसमें समय लगेगा।
3rd covid wave से बचाव के लिए लोगों को अपनी दैनिक प्रक्रिया में सुधार करना होगा। mask और sanitize की परंपरा को अपनाना होगा। 2 वेव के बहुत अधिक घातक होने का एक कारण यह है कि पहली कोरोना वेव के बाद लोग निश्चिन्त हो गए और लोगों ने कोरोना से बचाव एवं सावधानियों को दरकिनार कर दिया। ऐसा देखा गया हैं जिन देशों के द्वारा मास्क और sanitize प्रक्रिया को अपनाया गया है। लोगों को जागरूक किया गया हैं उन देशों में मृत्युदर कम रही है।